धर्म-अध्यात्म

वक्री शनि अपनी दूसरी राशि मकर में आज, तुला वालों के लिए शानिदेव होंगे राज योग देने वाले

Subhi
12 July 2022 3:11 AM GMT
वक्री शनि अपनी दूसरी राशि मकर में आज, तुला वालों के लिए शानिदेव होंगे राज योग देने वाले
x
कर्मफल प्रदायक सूर्यपुत्र शनिदेव अपनी पहली राशि मकर में अपनी दूसरी राशि कुंभ से वक्री गति से प्रवेश करेंगे । 12 जुलाई 2022 दिन मंगलवार आषाढ़ शुक्ल पक्ष चतुर्दशी तिथि की रात में 4:00 बजे के बाद अर्थात 13 जुलाई 2022 दिन बुधवार की सूर्योदय से ही शनि देव अपनी पहली राशि मकर में प्रवेश करने जा रहे है।

कर्मफल प्रदायक सूर्यपुत्र शनिदेव अपनी पहली राशि मकर में अपनी दूसरी राशि कुंभ से वक्री गति से प्रवेश करेंगे । 12 जुलाई 2022 दिन मंगलवार आषाढ़ शुक्ल पक्ष चतुर्दशी तिथि की रात में 4:00 बजे के बाद अर्थात 13 जुलाई 2022 दिन बुधवार की सूर्योदय से ही शनि देव अपनी पहली राशि मकर में प्रवेश करने जा रहे है। वक्री एवं मार्गी गति से संचालन करते हुए शनिदेव मकर राशि में 17 जनवरी 2023 तक प्रभाव स्थापित करेंगे ऐसे में तुला से लेकर धनु लग्न तक के जातकों पर निम्न प्रभाव स्थापित करेंगे।

तुला लग्न :- तुला लग्न के जातकों के लिए शानिदेव राज योग प्रदाता के रूप में सिद्ध होते है । क्योंकि चतुर्थ एवं पंचम के कारक होते है। 13 जुलाई 2022 से स्वराशि मकर में गोचर करते हुए अपने प्रभाव में संपूर्णता प्रदान करेंगे। गृह एवं वाहन सुख में वृद्धि करेंगे। माता के सुख सानिध्य में वृद्धि की स्थिति उत्पन्न करेंगे। जमीन जायदाद , अचल संपत्ति में वृद्धि करेंगे। सम्मान में, परिश्रम एवं चातुर्यता में वृद्धि करेंगे। शत्रुओं पर विजय प्रदान करेंगे। पुराने रोगों का शमन करेंगे। लग्न भाव पर उच्च की दृष्टि भी डालेंगे यद्यपि की इनकी दृष्टि कष्टकारी होती है परंतु यहाँ राज योग कारक होने के कारण विचारों में उच्चता प्रदान करेंगे। नयी डिग्री के लिए समय अनुकूलप्रद बनाने में सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करेंगे।

वृश्चिक लग्न :- शनिदेव वृश्चिक लग्न में सामान्य फल प्रदायक के रूप में कार्य करते है। 13 जुलाई से 2022 के अंत तक पराक्रम भाव मे स्वगृही रहकर अपने फलों में संपूर्णता प्रदान करेंगे। पराक्रम में वृद्धि होगा। सामाजिक पद प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। भाई, बहनों, मित्रों का सहयोग, सानिध्य प्राप्त होगा। कार्य क्षमता में, नेतृत्व क्षमता में भी सकारात्मक वृद्धि देखने को मिलेगा। शनि की दृष्टि पंचम भाव पर, नवम भाव पर एवं व्यय भाव पर भी होगा । ऐसे में संतान को लेकर थोड़ी चिंता जनक स्थिति उत्पन्न हो सकती है। अध्ययन, अध्यापन के लिए समय थोड़ा तनावपूर्ण होगा। पिता के स्वास्थ्य को लेकर भी तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न होगा। अचानक धार्मिक एवं व्यापारिक यात्रा का भी योग बन सकता है। आँखों की समस्या समस्या भी उत्पन्न हो सकता है।

धनु लग्न :- धनु लग्न में शनि देव धन एवं पराक्रम के कारक ग्रह होते है। इस लिए मध्यम फल प्रदायक ग्रह के रूप में जाने जाते है। 13 जुलाई से वर्ष के अंत तक धन भाव में स्वगृही स्थिति में विद्यमान होकर आपना प्रभाव स्थापित करेंगे। इस आने वाले वर्ष में धनु लग्न के लोगो को धनागम के स्रोत में वृद्धि करेंगे। वाणी व्यवसाय, सेल्स मार्केट, अध्ययन , अध्यापन, राजनीति के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए समय अनुकूलप्रद बना रहेगा। परिश्रम के फल में सकारात्मक प्रभाव प्रदान करेंगे। परिवार में नया कार्य सम्पन्न होने की पूर्ण सम्भावना बनेगी। शनि के दृष्टि सुख भाव, अष्टम भाव, एवं लाभ भाव पर होगा ऐसे में सीने की तकलीफ, माता को कष्ट, गृह एवं वाहन को लेकर तनाव या खर्च की स्थिति सहित पैर में चोट या दर्द ,पेट की आन्तरिक समस्या, पेशाब में इंफेक्शन आदि की समस्या तनाव दे सकता है।


Next Story