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पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि को अमावस्या होती है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि को अमावस्या होती है. नए साल 2022 की पहली अमावस्या 02 जनवरी दिन रविवार को है. यह पौष अमावस्या है. अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान का बड़ा ही महत्व होता है. पौष अमावस्या के दिन पितरों की आत्म तृप्ति के लिए उपाय कर सकते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृ दोष से मुक्ति के लिए अमावस्या तिथि बहुत ही उत्तम मानी जाती है. इस बार की अमावस्या को सर्वार्थ सिद्धि योग भी बना हुआ है. आइए जानते हैं कि पौष अमावस्या के दिन पितरों को खुश करने और पितृ दोष से मुक्ति के लिए क्या किया जा सकता है.
अमावस्या 2022 तिथि एवं स्नान दान
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, पौष अमावस्या तिथि का प्रारंभ 02 जनवरी दिन रविवार को तड़के 03:41 बजे हो रहा है और इसका समापन उसी रात 12:02 बजे हो रहा है. ऐसे में आपको अमावस्या का स्नान और दान 02 जनवरी को करना चाहिए. अमावस्या को सर्वार्थ सिद्धि योग प्रात: 07:14 बजे मिनट से लेकर शाम 04:23 बजे तक है
अमास्या के दिन नदी स्नान संभव नहीं है तो आप अपने घर पर ही स्नान कर लें. फिर साफ वस्त्र पहनकर सूर्य को जल अर्पित करें. उसके बाद गरीब, ब्राह्मण, जरूरतमंद आदि को अन्न, गरम कपड़े, उसके आवश्यकता की वस्तुएं आदि दान कर सकते हैं. अमावस्या को दान करने से पुण्य लाभ होता है.
अमावस्या पर पितृ दोष से मुक्ति उपाय
1. अमावस्या के दिन स्नान के बाद पितरों को काले तिल और जल अर्पित करें. फिर उनको स्मरण करते हुए सुख और शांतिपूर्ण जीवन का आशीष मांगे.
2. जिन लोगों को पितृ दोष होता है, उनको अमावस्या के दिन पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म करना चाहिए. ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं, उनकी आत्माएं तृप्त होती हैं, जिससे आपको वे आशीर्वाद देते हैं.
3. अमावस्या के दिन कौआ, कुत्ता, गाय आदि को भोजन का एक हिस्सा निकालकर खिलाना चाहिए. धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से वह भोजन पितरों को प्राप्त होता है. ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है.

Ritisha Jaiswal
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