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Religion : जानिए हीरा किसे, कब और किस विधि से धारण करना चाहिए
रत्न शास्त्र में ग्रहों के अनुसार कुछ रत्नों का उल्लेख किया गया है, जिनके धारण करने से ग्रह मजबूत होते हैं। कुंडली में ग्रहों की स्थिति और राशि के अनुसार ही रत्न धारण करना चाहिए। हालाँकि, रत्न पहनने के कुछ नियम हैं जिनका पालन करना आवश्यक है। हीरा शुक्र ग्रह से सम्बंधित एक अत्यंत कीमती …
रत्न शास्त्र में ग्रहों के अनुसार कुछ रत्नों का उल्लेख किया गया है, जिनके धारण करने से ग्रह मजबूत होते हैं। कुंडली में ग्रहों की स्थिति और राशि के अनुसार ही रत्न धारण करना चाहिए। हालाँकि, रत्न पहनने के कुछ नियम हैं जिनका पालन करना आवश्यक है। हीरा शुक्र ग्रह से सम्बंधित एक अत्यंत कीमती पत्थर है। सही तरीके से हीरा पहनने से शुक्र ग्रह को मजबूत किया जा सकता है। शुक्र ग्रह धन, संपत्ति, विलासिता, सुंदरता और प्रेम जीवन से जुड़ा है। तो आइये जानते हैं हीरा किसे, कब और कैसे धारण करना चाहिए -
हीरा कब करें धारण?
शुक्र से संबंधित होने के कारण हीरे को शुक्रवार के दिन धारण करना शुभ माना जाता है। वहीं, इसे धारण करने से पहले शुद्धि करना जरूरी माना जाता है।
हीरा कैसे करें धारण?
हीरे के रत्न को सोने या चांदी के धातु में जड़वा कर धारण किया जा सकता है। शुक्रवार के दिन गंगाजल, दूध और शहद से पहले हीरे की शुद्धि करें। फिर इसे माता लक्ष्मी के चरणों में अर्पित कर दें। माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा-अर्चना करें। कुछ देर के बाद इस रत्न को शुक्रवार के दिन ही धारण करना चाहिए।
हीरा किसे पहनना चाहिए?
कुछ राशियों के लिए हीरा भाग्योदय का कारण भी बन सकता है। ज्योतिष विद्या की मानें तो मकर, मिथुन, कुंभ, कन्या, वृषभ और तुला राशि के लोग हीरा धारण कर सकते हैं। कुंडली में शुक्र की स्थिति मजबूत या सकारात्मक होने पर हीरा धारण किया जा सकता है। वहीं, मंगल, गुरु और शुक्र एक साथ राशि में विराजमान हों तो हीरा धारण करने से बचना चाहिए। रत्न विद्या के मुताबिक, मूंगे और माणिक के साथ हीरा नहीं पहनना चाहिए। वहीं, हीरा धारण करने से पहले आपको अपने ग्रहों की स्थिति जरूर देखनी चाहिए और एस्ट्रोलॉजर की सलाह लेना भी बेहतर रहेगा।