धर्म-अध्यात्म

हनुमान जयंति के दिन इन चौपाइयों का करें पाठ, सभी कष्ट होंगे दूर

Tulsi Rao
2 April 2023 12:25 PM GMT
हनुमान जयंति के दिन इन चौपाइयों का करें पाठ, सभी कष्ट होंगे दूर
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Hanuman Jayanti 2023 : हिंदू पंचांग में गुरुवार के दिन दिनांक 06 अप्रैल को हनुमान जयंति मनाई जाएगी. इस दिन हनुमान जी की उपासना करने से व्यक्ति के सभी दुख दूर हो जाते हैं, साथ ही सभी मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती है. वहीं हनुमान जयंति के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना बहुत ही शुभ होता है. इससे व्यक्ति के सभी कार्य भी सिद्ध हो जाते हैं. तो ऐसे में आज आपको अपने इस लेख में हनुमान जयंति के दिन कुछ ऐसे चौपाइयों के बारे में बताएंगे, जिन चौपाइयों का जाप करने से आपको शुभ अवसर की भी प्राप्ति होगी और साथी ही इस दिन हनुमान जी की आरती करने का क्या महत्व है.

हनुमान जयंति के दिन इन चौपाइयों का करें पाठ, सभी कष्ट होंगे दूर

1. चौपाई- नासै रोग हरे सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बलबीरा।।

इस पाठ का कम से कम 108 बार जाप करें, इससे आपको रोगों से मुक्ति मिल जाएगी और भय भी दूर हो जाता है.

2. चौपाई- विद्यावान गुनी अति चातुर। रामकाज करिबे को आतुर।।

इस पाठ का भी 108 बार जाप करें. इससे धन और विद्या से संबंधित सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी.

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3.चौपाई- संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।

अगर आपको हमेशा किसी न किसी संकट पर पड़ जाते हैं, तो इस चौपाई का अवश्य जाप करें.

4. चौपाई- और मनोरथ जो कोई लावै। सोइ अमित जीवन फल पावै।।

अगर आपकी कोई इच्छा है, जो पूरी नहीं हो रही है, तो इस चौपाइ का जाप करें.

इस दिन करें हनुमान जी की आरती

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके।।

अंजनि पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई।।

दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुध लाए।।

लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई।।

लंका जारी असुर संहारे। सियारामजी के काज संवारे।।

लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। आणि संजीवन प्राण उबारे।।

पैठी पताल तोरि जमकारे। अहिरावण की भुजा उखाड़े।।

बाएं भुजा असुर दल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे।।

सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे। जै जै जै हनुमान उचारे।।

कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई।।

लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई। तुलसीदास प्रभु कीरति गाई।।

जो हनुमानजी की आरती गावै। बसी बैकुंठ परमपद पावै।।

Tulsi Rao

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