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आज वर्ष 2022 का पहला सोमवार है। सोमवार का दिन शशिशेखर भगवान शिव के पूजन को समर्पित होता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आज वर्ष 2022 का पहला सोमवार है। सोमवार का दिन शशिशेखर भगवान शिव के पूजन को समर्पित होता है। इस दिन भगवान शिव का पूजन सर्वकामनाओं की पूर्तिदायक होता है। इसके साथ ही आज के दिन चंद्रमा के पूजन का भी विधान है। चंद्रमा के ही एक अन्य नाम सोम के नाम पर इस दिन को सोमवार कहा जाता है। चंद्रमा को भारतीय ज्योतिष में जल तत्व का ग्रह माना जाता है। चंद्रमा हमारे मन को नियंत्रित करता है। इसे रचनात्मकता और भावनात्मकता का देवता माना जाता है। जिन लोगों की कुण्डली में चंद्रमा कमजोर स्थिती में होता है, उन लोगों को मानिसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे लोगों को आज, सोमवार के दिन चंद्रमा के अत्यंत प्रभावशाली चंद्र कवच का पाठ करना चाहिए।
चंद्र कवच महर्षि गौतम ने रचा है। सोमवार या पूर्णिमा के दिन इस कवच का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से आपकी कुण्डली से चंद्र दोष दूर होता है। आपकी सभी मानसिक परेशानियां दूर होगी। साथ ही रचनात्मकता में होने वाली वृद्धि आपको शिक्षा और कार्यक्षेत्र में सफलता और तरक्की पाने में लाभ प्रदान करते हैं।
श्री चंद्र कवच
श्रीचंद्रकवचस्तोत्रमंत्रस्य गौतम ऋषिः । अनुष्टुप् छंदः।
चंद्रो देवता । चन्द्रप्रीत्यर्थं जपे विनियोगः ।
समं चतुर्भुजं वन्दे केयूरमुकुटोज्ज्वलम् ।
वासुदेवस्य नयनं शंकरस्य च भूषणम् ॥ १ ॥
एवं ध्यात्वा जपेन्नित्यं शशिनः कवचं शुभम् ।
शशी पातु शिरोदेशं भालं पातु कलानिधिः ॥ २ ॥
चक्षुषी चन्द्रमाः पातु श्रुती पातु निशापतिः ।
प्राणं क्षपाकरः पातु मुखं कुमुदबांधवः ॥ ३ ॥
पातु कण्ठं च मे सोमः स्कंधौ जैवा तृकस्तथा ।
करौ सुधाकरः पातु वक्षः पातु निशाकरः ॥ ४ ॥
हृदयं पातु मे चंद्रो नाभिं शंकरभूषणः ।
मध्यं पातु सुरश्रेष्ठः कटिं पातु सुधाकरः ॥ ५ ॥
ऊरू तारापतिः पातु मृगांको जानुनी सदा ।
अब्धिजः पातु मे जंघे पातु पादौ विधुः सदा ॥ ६ ॥
सर्वाण्यन्यानि चांगानि पातु चन्द्रोSखिलं वपुः ।
एतद्धि कवचं दिव्यं भुक्ति मुक्ति प्रदायकम् ॥
यः पठेच्छरुणुयाद्वापि सर्वत्र विजयी भवेत् ॥ ७ ॥
॥ इति श्रीब्रह्मयामले चंद्रकवचं संपूर्णम् ॥
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