धर्म-अध्यात्म

सूर्य को मजबूत करने के लिए आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ है सर्वोत्तम

Subhi
18 Dec 2022 4:09 AM GMT
सूर्य को मजबूत करने के लिए आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ है सर्वोत्तम
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सूर्य से पूरी दुनिया को ऊर्जा और प्रकाश प्राप्त होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हिंदू धर्म में सूर्य को देवता के रूप में पूजा जाता है. वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य सभी ग्रहों का राजा है. ग्रहों में सूर्य का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है. सूर्य को ज्योतिष शास्त्र में पिता, पुत्र, प्रसिद्धि, यश, तेज, आरोग्य, आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति का कारक माना जाता है. मान्यता के अनुसार जो व्यक्ति सूर्य की नियमित आराधना करता है, उसे सूर्य के समान तेज और यश की प्राप्ति होती है. भोपाल के रहने वाले ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा, ज्योतिष बताते हैं कि व्यक्ति को अपना सूर्य मजबूत करने के लिए आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. जो व्यक्ति इसका नियमित पाठ करता है, उसके जीवन में सफलता के सारे दरवाजे खुल जाते हैं. आइए जानते हैं आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ की विधि और उसके फायदे.

इस विधि से करें आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ

सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त हो जाएं. उसके बाद साफ वस्त्र धारण करके सूर्य देव को अर्घ्य दें. इसके लिए एक तांबे के कलश में जल, रोली या चंदन और लाल पुष्प डालकर अर्घ्य देना शुभ माना जाता है.

जिस समय सूर्य देव को अर्घ्य दे रहे हों तो उस समय गायत्री मंत्र का जाप करें. अर्घ्य देने के बाद वहीं पर आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें.

पंडित जी के अनुसार इस पाठ को यदि शुक्ल पक्ष के किसी भी रविवार के दिन शुरू किया जाए तो सर्वोत्तम माना जाता है.

जिस व्यक्ति को आदित्य हृदय स्तोत्र का पूरी तरह से लाभ प्राप्त करना है. उसे नियमित रूप से सूर्योदय के समय इसका पाठ करना चाहिए.

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