धर्म-अध्यात्म

सावन महीने से संबंधित दो पौराणिक कथाएं पढ़ें

Ritisha Jaiswal
13 July 2022 10:25 AM GMT
सावन महीने से संबंधित दो पौराणिक कथाएं पढ़ें
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सावन का महीना भगवान शिव का महीना माना जाता है. इस साल सावन का महीना 14 जुलाई 2022 से शुरू होकर 12 अगस्त को समाप्त होगा

सावन का महीना भगवान शिव का महीना माना जाता है. इस साल सावन का महीना 14 जुलाई 2022 से शुरू होकर 12 अगस्त को समाप्त होगा. पहला सावन सोमवार 18 जुलाई को पड़ रहा है. इस महीने के दौरान भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है. सावन महीने में लोग व्रत रखते हैं, जिससे उनको मनचाहा फल मिलता है. मान्यताओं के अनुसार, सावन के महीने में भगवान शंकर अपनी तपस्या में लीन थे. सावन सोमवार का व्रत रखने से जीवन में सफलता और भगवान शंकर का आशीर्वाद मिलता है. अविवाहित कन्याओं के लिए भी सावन का महीना बेहद लाभदायक होता है. इस दौरान व्रत रखने से कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है. आइए जानते हैं पंडित इंद्रमणि घनस्याल से कि सावन सोमवार की शुरुआत कैसे हुई थी और किसने सबसे पहले सावन सोमवार का व्रत रखा था?

सावन महीने से संबंधित दो पौराणिक कथाएं पढ़ें
पहली पौराणिक कथा
सावन महीने के दौरान भगवान शिव के साथ भगवान परशुराम की भी पूजा की जाती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान परशुराम ने ही कांवड़ की परंपरा को शुरू किया था. इस महीने के दौरान भगवान परशुराम ने सोमवार को कांवड़ में गंगा जल भरकर और शिव मंदिर में शिवलिंग पर चढ़ाकर नियमित रूप से अपने देवता की पूजा की. भगवान शिव को 'सावन का सोमवार' विशेष रूप से प्रिय है, इसलिए सावन के महीने में सोमवार का विशेष महत्व है. यह भी कहा जाता है कि भगवान परशुराम के कारण ही भगवान शिव का व्रत और पूजा शुरू हुई थी.
दूसरी पौराणिक कथा
दूसरी पौराणिक कथा के अनुसार, जब सनत कुमारों ने भगवान शिव से पूछा कि उन्हें विशेष रूप से सावन के महीने में क्यों पूजा जाता है. तब महादेव ने उन्हें बताया कि अपने पिता दक्ष के घर में योग शक्ति से अपने शरीर का त्याग करने से पहले देवी सती ने अपने हर जन्म में भगवान शिव से विवाह करने का संकल्प लिया था. अपने दूसरे जन्म में देवी सती ने पार्वती के नाम से हिमवान और मैनावती की पुत्री के रूप में जन्म लिया. उन्होंने सावन के महीने (सावन की शुभकामनाएं और बधाई) में उपवास किया और भगवान शिव से विवाह किया और उनके साथ एक सुखी जीवन व्यतीत किया. तब से सावन का महीना भगवान शिव के लिए महत्वपूर्ण हो गया


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