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- आज पूजा के समय जरूर...
ब्राह्मण ने अपनी पत्नी की बात मान ली। उसने तय किया कि वो घर पर ही रहेगा। फिर कुछ समय बाद शहर से उसके घर ऋषि कौण्डिल्य आए। ब्राह्मण और उसकी प्तनी उन्हें देख बेहद प्रसन्न हुए। दोनों ऋषि कौण्डिल्य को अपने घर ले आए और उनकी सेवा करने लगे। सेवा करने के बाद दोनों ने उनसे पूछा कि हमें हमारी गरीबी को दूर करने का कोई उपाय बताएं।
ऋषि कौण्डिल्य ने ब्राह्मण के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अगर वो अधिक मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली परमा एकादशी का व्रत करते हैं तो उनकी दरिद्रता दूर जाएगी और भाग्योदय भी होगा। ऋषि कौण्डिल्य ने जैसा कहा था ठीक उसी तरह ब्राह्मण दंपत्ति ने विधि-विधान के साथ परमा एकादशी का व्रत किया। इसके प्रभाव से उनकी दरिद्रता दूर हो गई। साथ ही उन दोनों को अपार संपत्ति की प्राप्ति हुई। इसके बाद से ब्राह्मण दंपत्ति ने सत्कर्म करते हुए अपना पूरा जीवन व्यतीत किया और आखिरी में भगवान विष्णु के बैकुंठ लोक गए। जिस तरह परमा एकादशी का व्रत करने से ब्राह्मण दंपत्ती की दरिद्रता दूर हुई ठीक उसी तरह हम सब पर भी विष्णु भगवान की कृपा बनी रहे।