धर्म-अध्यात्म

सावन के पहले गुरुवार पढ़ें ये आरती, भगवान विष्णु की होगी कृपा

Tara Tandi
6 July 2023 6:56 AM GMT
सावन के पहले गुरुवार पढ़ें ये आरती, भगवान विष्णु की होगी कृपा
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सनातन धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता की पूजा अर्चना को समर्पित किया गया हैं वही गुरुवार का दिन विष्णु पूजा के लिए सर्वोत्त दिन माना जाता हैं और आज यानी 6 जुलाई को श्रावण मास का पहला गुरुवार हैं जो कि विष्णु साधना के लिए बेहद ही खास माना जा रहा हैं इस दिन भक्त भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधि विधान से पूजा करते हैं और दिनभर का उपवास भी रखते हैं।
कहा जाता है कि गुरुवार के दिन व्रत पूजा करने से विष्णु कृपा से सभी कष्टों और दुखों का अंत हो जाता हैं ऐसे में अगर आप भी आज के दिन विष्णु आराधना व व्रत कर रहे हैं तो भगवान की आरती जरूर करें माना जाता है कि बिना आरती किए व्रत पूजन का फल नहीं मिलता हैं और ना ही व्रत पूजा पूर्ण मानी जाती हैं, ऐसे में अगर आप आज विष्णु भक्ति कर रहे हैं तो भगवान की प्रिय आरती का पाठ जरूर करें।
श्री विष्णु आरती-
ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट,
दास जनों के संकट,
क्षण में दूर करे ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
जो ध्यावे फल पावे,
दुःख बिनसे मन का,
स्वामी दुःख बिनसे मन का ।
सुख सम्पति घर आवे,
सुख सम्पति घर आवे,
कष्ट मिटे तन का ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
मात पिता तुम मेरे,
शरण गहूं किसकी,
स्वामी शरण गहूं मैं किसकी ।
तुम बिन और न दूजा,
तुम बिन और न दूजा,
आस करूं मैं जिसकी ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
तुम पूरण परमात्मा,
तुम अन्तर्यामी,
स्वामी तुम अन्तर्यामी ।
पारब्रह्म परमेश्वर,
पारब्रह्म परमेश्वर,
तुम सब के स्वामी ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
तुम करुणा के सागर,
तुम पालनकर्ता,
स्वामी तुम पालनकर्ता ।
मैं मूरख फलकामी,
मैं सेवक तुम स्वामी,
कृपा करो भर्ता॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
तुम हो एक अगोचर,
सबके प्राणपति,
स्वामी सबके प्राणपति ।
किस विधि मिलूं दयामय,
किस विधि मिलूं दयामय,
तुमको मैं कुमति ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
दीन-बन्धु दुःख-हर्ता,
ठाकुर तुम मेरे,
स्वामी रक्षक तुम मेरे ।
अपने हाथ उठाओ,
अपने शरण लगाओ,
द्वार पड़ा तेरे ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
विषय-विकार मिटाओ,
पाप हरो देवा,
स्वमी पाप(कष्ट) हरो देवा ।
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
सन्तन की सेवा ॥
ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट,
दास जनों के संकट,
क्षण में दूर करे ॥
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