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धर्म-अध्यात्म
सावन सोमवार के दिन पढ़ें ये आरती, मनोकामनाएं होंगी पूरी
Manish Sahu
7 Aug 2023 6:40 AM GMT
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हिंदू धर्म में सावन सोमवार को बेहद ही खास माना जाता हैं जो कि शिव साधना आराधना को समर्पित होता हैं इस दिन भक्त भगवान शिव शंकर की विधि विधान से पूजा करते हैं और दिनभर का व्रत आदि भी रखते हैं माना जाता हैं कि ऐसा करने से प्रभु की कृपा प्राप्त होती हैं।
लेकिन इसी के साथ ही अगर पूजा पाठ के बाद शिव आरती पढ़ी जाए तो भगवान भोलेनाथ शीघ्र प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाते हैं और जातक के सभी कष्टों को दूर कर उनकी मनोकामनाओं को पूरा कर देते हैं, तो ऐसे में आज हम आपके लिए लेकर आए हैं संपूर्ण शिव आरती पाठ।
भगवान शिव की आरती—
ॐ जय शिव ओंकारा,
स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,
अर्द्धांगी धारा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
एकानन चतुरानन
पंचानन राजे ।
हंसासन गरूड़ासन
वृषवाहन साजे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
दो भुज चार चतुर्भुज
दसभुज अति सोहे ।
त्रिगुण रूप निरखते
त्रिभुवन जन मोहे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
अक्षमाला वनमाला,
मुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै,
भाले शशिधारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
श्वेताम्बर पीताम्बर
बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक
भूतादिक संगे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
कर के मध्य कमंडल
चक्र त्रिशूलधारी ।
सुखकारी दुखहारी
जगपालन कारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव
जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर में शोभित
ये तीनों एका ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
त्रिगुणस्वामी जी की आरति
जो कोइ नर गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी
सुख संपति पावे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
लक्ष्मी व सावित्री
पार्वती संगा ।
पार्वती अर्द्धांगी,
शिवलहरी गंगा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
पर्वत सोहैं पार्वती,
शंकर कैलासा ।
भांग धतूर का भोजन,
भस्मी में वासा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
जटा में गंग बहत है,
गल मुण्डन माला ।
शेष नाग लिपटावत,
ओढ़त मृगछाला ॥
जय शिव ओंकारा...॥
काशी में विराजे विश्वनाथ,
नंदी ब्रह्मचारी ।
नित उठ दर्शन पावत,
महिमा अति भारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
ॐ जय शिव ओंकारा,
स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,
अर्द्धांगी धारा ॥
Manish Sahu
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