धर्म-अध्यात्म

हर शनिवार पूजा में पढ़ें ये आरती, शनिदेव की कृपा बानी रहेगी

Tara Tandi
6 May 2023 6:47 AM GMT
हर शनिवार पूजा में पढ़ें ये आरती, शनिदेव की कृपा बानी रहेगी
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सनातन धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता की पूजा को समर्पित होता है। वही शनिवार का दिन भगवान श्री शनिदेव की आराधना के लिए उत्तम माना जाता है। भक्त इस दिन शनि महाराज की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं


मान्यता है कि किसी भी देवी देवता की पूजा का पूर्ण तब तक नहीं मिलता है जब तक की उनकी आरती ना पढ़ी जाए ऐसे में अगर आप शनि महाराज की पूजा कर उनका आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो आज पूजा पाठ और व्रत में प्रभु की प्रिय आरती जरूर पढ़ें तो आज हम आपके लिए लेकर आए है। शनि देव की संपूर्ण आरती पाठ।




श्री शनिदेव आरती—

जय शनि देवा, जय शनि देवा,
जय जय जय शनि देवा ।
अखिल सृष्टि में कोटि-कोटि जन,
करें तुम्हारी सेवा ।
जय शनि देवा, जय शनि देवा,
जय जय जय शनि देवा ॥

जा पर कुपित होउ तुम स्वामी,
घोर कष्ट वह पावे ।
धन वैभव और मान-कीर्ति,
सब पलभर में मिट जावे ।
राजा नल को लगी शनि दशा,
राजपाट हर लेवा ।
जय शनि देवा, जय शनि देवा,
जय जय जय शनि देवा ॥


जा पर प्रसन्न होउ तुम स्वामी,
सकल सिद्धि वह पावे ।
तुम्हारी कृपा रहे तो,
उसको जग में कौन सतावे ।
ताँबा, तेल और तिल से जो,
करें भक्तजन सेवा ।
जय शनि देवा, जय शनि देवा,
जय जय जय शनि देवा ॥



हर शनिवार तुम्हारी,
जय-जय कार जगत में होवे ।
कलियुग में शनिदेव महात्तम,
दु:ख दरिद्रता धोवे ।
करू आरती भक्ति भाव से,
भेंट चढ़ाऊं मेवा ।
जय शनि देवा, जय शनि देवा,
जय जय जय शनि देवा ॥


॥ श्री शनि देव आरती-2 ॥
चार भुजा तहि छाजै,
गदा हस्त प्यारी ।
जय शनिदेव जी ॥


रवि नन्दन गज वन्दन,
यम अग्रज देवा ।
कष्ट न सो नर पाते,
करते तब सेवा ॥
जय शनिदेव जी ॥

तेज अपार तुम्हारा,
स्वामी सहा नहीं जावे ।
तुम से विमुख जगत में,
सुख नहीं पावे ॥
जय शनिदेव जी ॥

नमो नमः रविनन्दन,
सब ग्रह सिरताजा ।
बन्शीधर यश गावे,
रखियो प्रभु लाजा ॥
जय शनिदेव जी ॥


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