धर्म-अध्यात्म

सोमवार पूजा में पढ़ें ये आरती, दोगुना मिलेगा फल

Admin Delhi 1
2 Oct 2023 2:23 AM GMT
सोमवार पूजा में पढ़ें ये आरती, दोगुना मिलेगा फल
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ज्योतिष न्यूज़: हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता की पूजा अर्चना को समर्पित किया गया हैं वही सोमवार का दिन शिव पूजा के लिए उत्तम माना जाता है इस दिन भक्त भोलेनाथ की साधना आराधना करते हैं माना जाता है कि सोमवार के दिन शिव पूजा करने से प्रभु की अपार कृपा प्राप्त होती है और जीवन के कष्टों का समाधान होता है लेकिन अगर आप सोमवार व्रत पूजा का दोगुना फल प्राप्त करना चाहते हैं तो शिव की प्रिय आरती पूजा के बाद जरूर पढ़ें माना जाता है कि इस आरती को पढ़ें भोलेनाथ जल्द प्रसन्न होकर कृपा करते हैं और भक्तों को सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं शिव आरती पाठ।

Read shiv aarti on Monday puja श्री शिव आरती—

ॐ जय शिव ओंकारा,

स्वामी जय शिव ओंकारा।

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,

अर्द्धांगी धारा ॥

ॐ जय शिव ओंकारा...॥

एकानन चतुरानन

पंचानन राजे ।

हंसासन गरूड़ासन

वृषवाहन साजे ॥

ॐ जय शिव ओंकारा...॥

दो भुज चार चतुर्भुज

दसभुज अति सोहे ।

त्रिगुण रूप निरखते

त्रिभुवन जन मोहे ॥

ॐ जय शिव ओंकारा...॥

अक्षमाला वनमाला,

मुण्डमाला धारी ।

चंदन मृगमद सोहै,

भाले शशिधारी ॥

ॐ जय शिव ओंकारा...॥

श्वेताम्बर पीताम्बर

बाघम्बर अंगे ।

सनकादिक गरुणादिक

भूतादिक संगे ॥

ॐ जय शिव ओंकारा...॥

कर के मध्य कमंडल

चक्र त्रिशूलधारी ।

सुखकारी दुखहारी

जगपालन कारी ॥

ॐ जय शिव ओंकारा...॥

Read shiv aarti on Monday puja

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव

जानत अविवेका ।

प्रणवाक्षर में शोभित

ये तीनों एका ॥

ॐ जय शिव ओंकारा...॥

त्रिगुणस्वामी जी की आरति

जो कोइ नर गावे ।

कहत शिवानंद स्वामी

सुख संपति पावे ॥

ॐ जय शिव ओंकारा...॥

लक्ष्मी व सावित्री

पार्वती संगा ।

पार्वती अर्द्धांगी,

शिवलहरी गंगा ॥

ॐ जय शिव ओंकारा...॥

Read shiv aarti on Monday puja

पर्वत सोहैं पार्वती,

शंकर कैलासा ।

भांग धतूर का भोजन,

भस्मी में वासा ॥

ॐ जय शिव ओंकारा...॥

जटा में गंग बहत है,

गल मुण्डन माला ।

शेष नाग लिपटावत,

ओढ़त मृगछाला ॥

जय शिव ओंकारा...॥

काशी में विराजे विश्वनाथ,

नंदी ब्रह्मचारी ।

नित उठ दर्शन पावत,

महिमा अति भारी ॥

ॐ जय शिव ओंकारा...॥

ॐ जय शिव ओंकारा,

स्वामी जय शिव ओंकारा।

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,

अर्द्धांगी धारा ॥

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