धर्म-अध्यात्म

माता के नौवें स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा में पढ़े ये स्तोत्र

Tara Tandi
17 April 2024 4:52 AM GMT
माता के नौवें स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा में पढ़े ये स्तोत्र
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ज्योतिष न्यूज़ : आज यानी 17 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि की महानवमी है जो कि मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की आराधना और साधना को समर्पित होती है इस दिन भक्त देवी मां के सिद्धिदात्री स्वरूप की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं माना जाता है कि महानवमी पर माता की आराधना करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है नवरात्रि की महानवमी पर भक्त कन्या पूजन कर अपने व्रत को खोलते हैं पूजा पाठ कर पुण्य की प्राप्ति करते हैं माना जाता है कि मां सिद्धिदात्री की सच्चे मन से पूजा करने से माता का प्रेम और आशीर्वाद मिलता है जिससे सभी कष्टों का समाधान हो जाता है लेकिन इसी के साथ ही अगर सिद्धिदात्री की पूजा के दौरान इस चमत्कारी स्तोत्र का पाठ भक्ति भाव से किया जाए तो सभी समस्याओं का समाधान हो जाता है और पूजा पाठ का पूर्ण फल मिलता है।
यहां पढ़ें मां सिद्धिदात्री स्तोत्र—
ध्यान-
वन्दे वांछित मनोरथार्थ चन्द्रार्घकृत शेखराम्।
कमलस्थितां चतुर्भुजा सिद्धीदात्री यशस्वनीम्॥
स्वर्णावर्णा निर्वाणचक्रस्थितां नवम् दुर्गा त्रिनेत्राम्।
शख, चक्र, गदा, पदम, धरां सिद्धीदात्री भजेम्॥
पटाम्बर, परिधानां मृदुहास्या नानालंकार भूषिताम्।
मंजीर, हार, केयूर, किंकिणि रत्‍‌नकुण्डल मण्डिताम्॥
प्रफुल्ल वदना पल्लवाधरां कातं कपोला पीनपयोधराम्।
कमनीयां लावण्यां श्रीणकटि निम्ननाभि नितम्बनीम्॥
स्तोत्र पाठ-
कंचनाभा शखचक्रगदापद्मधरा मुकुटोज्वलो।
स्मेरमुखी शिवपत्‍‌नी सिध्दिदात्री नमोअस्तुते॥
पटाम्बर परिधानां नानालंकारं भूषिता।
नलिस्थितां नलनार्क्षी सिद्धीदात्री नमोस्तुते॥
परमानंदमयी देवी परब्रह्म परमात्मा।
परमशक्ति, परमभक्ति, सिद्धिदात्री नमोस्तुते॥
विश्वकर्ती, विश्वभती, विश्वहर्ती, विश्वप्रीता।
विश्व वार्चिता विश्वातीता सिद्धिदात्री नमोस्तुते॥
भुक्तिमुक्तिकारिणी भक्तकष्टनिवारिणी।
भव सागर तारिणी सिद्धिदात्री नमोस्तुते॥
धर्मार्थकाम प्रदायिनी महामोह विनाशिनी।
मोक्षदायिनी सिद्धीदायिनी सिद्धिदात्री नमोस्तुते॥
कवच-
ओंकारपातु शीर्षो मां ऐं बीजं मां हृदयो।
हीं बीजं सदापातु नभो, गुहो च पादयो॥
ललाट कर्णो श्रीं बीजपातु क्लीं बीजं मां नेत्र घ्राणो।
कपोल चिबुको हसौ पातु जगत्प्रसूत्यै मां सर्व वदनो॥
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