धर्म-अध्यात्म

कुंडली में सूर्य को मजबूत करने के लिए करें आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ

Subhi
17 Jan 2021 4:01 AM GMT
कुंडली में सूर्य को मजबूत करने के लिए करें आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ
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वैदिक ज्योतिष में सूर्य को पिता के स्वरूप में माना गया है, जिसके चारों तरफ सभी ग्रह घूमते हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | वैदिक ज्योतिष में सूर्य को पिता के स्वरूप में माना गया है, जिसके चारों तरफ सभी ग्रह घूमते हैं. सूर्य को नौकरी पेशी, सामाजिक प्रतिष्ठा और आत्म सम्मान आदि का कारक माना गया है. सूर्य नवग्रह के राजा है. कुंडली में उनकी स्थिति मजबूत होने पर अन्य ग्रहों का दुष्प्रभाव कम होता है. इसलिए कुंडली में सूर्य की स्थिति महत्वपूर्ण होती है.

जिंदगी में चल रही परेशानियां, बिगड़े काम, रुका हुआ पैसा, मेहनत करने के बावजूद सफलता नहीं मिलने की समस्या से परेशान हैं तो हम आपको एक ऐसा उपाय बता रहे हैं जो आपको लाभ ही नहीं बल्कि उन्नति भी देगा. पौष महीन में रविवार के दिन भगवान सूर्य की उपासना करने के साथ आदित्य हृदय स्तोत्र का नियमित पाठ करना हमारे लिए बहुत लाभाकारी माना गया है.
दरअसल पौष महीने में भगवान सूर्य की पूजा करना सबसे उत्तम माना गया है. हिंदू पंचांग के अनुसार 28 जनवरी 2021 तक पौष महीना रहेगा. इस महीने में आदित्य हृदय स्तोत्र का नियमित पाठ करने से अप्रत्याशित लाभ मिलता है. धन, अच्छी नौकरी, घर में सुख समृद्धिआती है. इस पाठ को करने से हर तरह के दुख से छुटकारा मिल जाता है.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, आदित्य हृदय स्तोत्र का वर्णन वाल्मीकि की रामायण में मिलता है. यह स्तोत्र अगस्तय ऋषि ने भगवान राम को रावण के खिलाफ विजय प्राप्त करने के लिए दिया था. श्री राम ने रावण से युद्ध करने से पहले आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ कर भगवान सूर्य को प्रसन्न किया था.


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