धर्म-अध्यात्म

सफला एकादशी पर हो रहा है दुर्लभ योग का निर्माण, करें ये आसान उपाय

Triveni
18 Dec 2022 7:44 AM GMT
सफला एकादशी पर हो रहा है दुर्लभ योग का निर्माण, करें ये आसान उपाय
x

फाइल फोटो 

पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन सफला एकादशी व्रत रखा जाएगा।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन सफला एकादशी व्रत रखा जाएगा। यह व्रत कल यानि 19 दिसंबर 2022, सोमवार के दिन रखा जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सफला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की आराधना करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है और उनकी सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। बता दें कि इस वर्ष पौष मास की एकादशी के दिन अत्यंत दुर्लभ योग का निर्माण हो रहा है। मान्यता यह भी है कि इस शुभ योग में श्रीहरि और माता लक्ष्मी की पूजा करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। आइए जानते -

सफला एकादशी 2022 शुभ योग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब एक राशि में सूर्य और बुध ग्रह दोनों विराजमान होते हैं, तब बुधादित्य योग का निर्माण होता है। ऐसे में सूर्य देव 16 दिसंबर के दिन धनु राशि में प्रवेश कर चुके हैं और उनसे पहले 3 दिसंबर से बुध देव धनु राशि में विराजमान हैं। ऐसे में बुधादित्य योग का निर्माण हो चुका है। इस दिन पूजा-पाठ करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है और उसे आर्थिक, स्वास्थ्य के क्षेत्र में उन्नति प्राप्त होती है।
सफला एकादशी के उपाय
शास्त्रों में बताया गया है कि परिवार में सुख-समृद्धि को निरंतर बनाए रखने के लिए व्यक्ति को एकादशी व्रत के दिन किसी मंदिर में सामर्थ्य अनुसार फल, अनाज, कपड़े, बर्तन इत्यादि भगवान को चढ़ाएं और फिर इन्हें जरूरतमंद लोगों में दान कर दें। इसके साथ इस दिन माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा अवश्य करें। साथ ही श्रीहरि का अभिषेक गाय के दूध से करें और उन्हें तुलसी पत्र अर्पित करें।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विवाह में आ रही परेशानियों को दूर करने के लिए व्यक्ति को एकादशी के दिन भगवान विष्णु के प्रतीक शालिग्राम देव की उपासना और तुलसी के पौधे की पूजा एक साथ करनी चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से योग्य साथी की खोज पूर्ण हो जाती है। इसके साथ वैवाहिक जीवन में आ रही अड़चनों को दूर करने के लिए एकादशी तिथि पर केले के पेड़ की पूजा करें और साथ बार उनकी परिक्रमा करें। साथ ही उन्हें हल्दी मिश्रित जल अर्पित करें। ऐसा करने से व्यक्ति को बहुत लाभ मिलता है।

Next Story