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धर्म-अध्यात्म
Rang Panchami 2022 : आज है रंग पंचमी जानें पूजा का मुहूर्त और महत्व
Kajal Dubey
22 March 2022 3:02 AM GMT
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आज रंग पंचमी है. फाल्गुन पूर्णिमा या होलिका दहन के पांच दिन बाद रंग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज रंग पंचमी है. फाल्गुन पूर्णिमा या होलिका दहन के पांच दिन बाद रंग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है. पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को रंग पंचमी मनाते हैं. इस दिन रंग और गुलाल आसमान में उड़ाया जाता है. देवी-देवताओं को भी पूजा के समय रंग और गुलाल अर्पित करते हैं. आज महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्य प्रदेश में विशेष रुप से रंग पंचमी मनाई जाती है. यहां पर होली से अधिक रंग पंचमी का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है. रंग पंचमी पर पूजा का मुहूर्त (Rang Panchami 2022 Muhurat) क्या है और इसका महत्व (Significance Of Rang Panchami) क्या है?
रंग पंचमी 2022 पूजा का मुहूर्त
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि आज सुबह 06:24 बजे से शुरु हुई है. इस तिथि का समापन कल 23 मार्च को प्रात: 04:21 बजे होना है. आज सूर्योदय के ठीक बाद ही पंचमी तिथि का प्रारंभ हुआ है.
इस साल रंग पंचमी विशाखा नक्षत्र में मनाई जा रही है. आज विशाखा नक्षत्र रात 08 बजकर 14 मिनट तक है, उसके बाद अनुराधा नक्षत्र लग जाएगी. आज रंग पंचमी का शुभ मुहूर्त दोपहर में 12:04 बजे से 12:53 बजे तक है. आज का विजय मुहूर्त दोपहर में 02:30 बजे से 03:19 बजे तक है.
रंग पंचमी की पूजा
आज रंग पंचमी के अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी की पूजा की जाती है. राधाकृष्ण को नि:स्वार्थ प्रेम का सच्चा प्रतीक माना जाता है. इस दिन श्रीकृष्ण और राधाजी को लाल या गुलाबी गुलाल अर्पित करते हैं. ऐसा करने से दांपत्य जीवन खुशहाल रहता है. अन्य देवी-देवताओं को भी रंग गुलाल चढ़ाया जाता है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रंग पंचमी के दिन आसमान में रंग गुलाल उड़ाने से परिवार में सुख, शांति और समृद्धि आती है. यह भी कहते हैं कि रंग पंचमी के दिन ही भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के संग होली मनाई थी.
रंग पंचमी उत्सव
रंग पंचमी के अवसर पर घरों में पूरन पोली बनाई जाती है. इस दिन गुलाल असामान में उड़ाने से धन संपत्ति में वृद्धि होती है, इस वजह से रंग पंचमी को श्री पंचमी भी कहते हैं. आज राधाजी की पूजा होती है, राधाजी को लक्ष्मी माता का स्वरुप माना गया है, इसलिए भी रंग पंचमी श्रीपंचमी कहलाती है.
इस दिन रंग गुलाल उड़ाने से नकरात्मक शक्तियों का नाश होता है. घर, परिवार और आसपास में सकारात्मक शक्तियां बढ़ती हैं. मनुष्यों के अंदर भी बुरे विचार दूर होते हैं.
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