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धर्म-अध्यात्म
Rambha Tritiya: रंभा अप्सरा को पत्थर की मूर्ति बनी रहने का मिला था श्राप
Apurva Srivastav
9 Jun 2024 5:27 PM GMT
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Rambha Tritiya:आज यानि 09 जून 2024 को रंभा तृतीया का व्रत किया जा रहा है. रंभा तृतीया को रम्भा तीज के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर रंभा तृतीया का व्रत किया जाता है. यह दिन Apsara Rambha को समर्पित माना जाता है और इन्हीं के नाम से इस व्रत का नाम रखा गया है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान रंभा प्रकट हुई थीं. कहा जाता है कि ये इतनी ज्यादा सुंदर थीं कि इनपर सभी मोहित थे. वहीं इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की पूजा विशेष रूप से की जाती है.
कैसे प्रकट हुई थीं रंभा?
ग्रंथों के अनुसार, रंभा समुद्र मंथन के दौरान प्रकट हुई थीं. ये इतनी ज्यादा सुंदर थीं कि इनकी सुंदरता को देखते हुए देवराज इंद्र ने रंभा को अपनी राजसभा में स्थान दे दिया. पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार रंभा ने विश्वामित्र की तपस्या भंग करने की कोशिश की थी जिससे गुस्से में आकर विश्वामित्र ने रंभा को कई सालों तक पत्थर की मूर्ति बनी रहने का श्राप दे दिया. इसके बाद भगवान शिव-पार्वती की पूजा कर रंभा श्राप मुक्त हुईं.
रंभा तृतीया पर करें ये खास उपाय
रंभा तृतीया के दिन भगवान शिव का अभिषेक करना बहुत शुभ माना जाता है. इस दिन आप दूध, दही, घी, शहद, जल, पंचामृत आदि से भगवान शिव का अभिषेक कर सकते हैं. इसके साथ ही इस दिन भगवान शिव को 16 बेलपत्र अर्पित करें. शिवलिंग पर चंदन और गंगाजल चढ़ाएं. 'ॐ नमः शिवए' मंत्र का जाप और शिव जी की आरती अवश्य करें. इसके अलावा इस दिन दान करना बहुत पुण्यकारी माना जाता है. आप गरीबों और जरूरतमंदों को दान कर सकते हैं. मान्यता है कि इन उपायों को करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
रंभा तृतीया पर इन बातों का रखें ध्यान
रंभा तृतीया के दिन मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. इस दिन झूठ नहीं बोलना चाहिए और किसी का अपमान नहीं करना चाहिए. इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. इस दिन गृहस्थ जीवन से दूर रहकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना में लीन रहना चाहिए.
Apurva Srivastav
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