धर्म-अध्यात्म

रमा एकादशी कल, जाने शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Subhi
20 Oct 2022 5:43 AM GMT
रमा एकादशी कल, जाने शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
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रमा एकादशी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कहते हैं। रमा एकादशी का व्रत 21 अक्टूबर, शुक्रवार को रखा जाएगा। रमा एकादशी के दिन माता लक्ष्मी व भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।

रमा एकादशी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कहते हैं। रमा एकादशी का व्रत 21 अक्टूबर, शुक्रवार को रखा जाएगा। रमा एकादशी के दिन माता लक्ष्मी व भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार, जब कोई एकादशी गुरुवार या शुक्रवार को पड़ती है तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।

जानें कैसे पड़ा नाम रमा एकादशी-

दीपावली से पहले मां लक्ष्मी की पूजा करने का यह अति उत्तम मुहूर्त माना गया है। मान्यता है कि मां लक्ष्मी का एक नाम रमा भी है और इस एकादशी में श्रीहरि के साथ मां लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है। इसलिए इसे रमा एकादशी के नाम से जानते हैं। मान्यता है कि इस व्रत को करने से घर में धन का कभी अभाव नहीं होता है।

रमा एकादशी का शुभ मुहूर्त-

रमा एकादशी 20 अक्टूबर 2022 को शाम 04 बजकर 04 मिनट से शुरू होगी और 21 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 22 मिनट पर होगा। इस तरह से रमा एकादशी का व्रत उदया तिथि के अनुसार 21 अक्टूबर को रखा जाएगा। व्रत का पारण 22 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 30 मिनट से सुबह 08 बजकर 47 मिनट तक रहेगा।

रमा एकादशी पर दान का महत्व-

दिवाली से पहले पड़ने वाले रमा एकादशी के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है। इस दिन किया जाने वाला दान हजारों गायों के दान के बराबर होता है। इस दिन जरूरतमंदों को अपनी सामर्थ्यनुसार दान करना चाहिए।

एकादशी पूजा- विधि-

सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।

घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।

भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।

भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।

अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।

भगवान की आरती करें।

भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं।


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