धर्म-अध्यात्म

रमा एकादशी कल, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

Ritisha Jaiswal
20 Oct 2022 3:26 PM GMT
रमा एकादशी कल, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
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हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रमा एकादशी के नाम से जानते हैं। दिवाली के ठीक पहले पड़ने वाली इस एकादशी में भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है। माना जाता है कि गुरुवार और शुक्रवार के दिन एकादशी तिथि पड़ने पर इसका और भी अधिक महत्व बढ़ जाता है। आइए जानते हैं रमा एकादशी का शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि।

हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रमा एकादशी के नाम से जानते हैं। दिवाली के ठीक पहले पड़ने वाली इस एकादशी में भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है। माना जाता है कि गुरुवार और शुक्रवार के दिन एकादशी तिथि पड़ने पर इसका और भी अधिक महत्व बढ़ जाता है। आइए जानते हैं रमा एकादशी का शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि।

रमा एकादशी 2022 शुभ मुहूर्त
रमा एकादशी का आरंभ- 20 अक्टूबर 2022 को शाम 4.04 बजे शुरू
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रमा एकादशी का समापन- 21 अक्टूबर 2022 को शाम 5.22 कर
व्रत का पारण का समय- 22 अक्टूबर 2022 को सुबह 6.30 से 08.47 तक
रमा एकादशी पूजा विधि
सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान करके साफ सुथरे वस्त्र धारण कर लें।
भगवान विष्णु के सामने जाकर हाथ में जल, पुष्प और अक्षत लेकर रमा एकादशी व्रत रखने का संकल्प लें।
पूजा स्थान पर एक चौकी पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। फिर उनका अभिषेक करें।
पीले पुष्प, अक्षत, चंदन, धूप, दीप, फल, गंध, मिठाई आदि अर्पित करते हुए भगवान विष्णु की पूजा करें। इसके साथ ही पंचामृत और तुलसी का पत्ता चढ़ाएं।
इसके बाद एकादशी व्रत कथा का पाठ करें या सुनें। अंत में आरती करके भूल चूक के लिए क्षमा मांग लें।
रमा एकादशी का महत्व
शास्त्रों के अनुसार, रमा एकादशी के व्रत को करने से सभी प्रकार के कष्टों से छुटकारा मिल जाता है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ तुलसी के पौधे के सामने दीपक जलाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। श्री कृष्ण ने इस व्रत के बारे में खुद युधिष्ठिर को बताया था कि इस व्रत को करने से वाजपेय यज्ञ की प्राप्ति होती है।
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