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ज्योतिषशास्त्र एक ऐसी विद्या जिससे किसी भी व्यक्ति के बारे में सम्पूर्ण जानकारी का पाता लगाया जा सकता हैं। सामुद्रिक शास्त्र के मुताबिक हम किसी भी व्यक्ति की शारीरिक संरचना देखकर उसके स्वभाव के बारे में आंकलन कर सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके द्वारा किये गए सिग्नेचर से भी आपके बारे में जाना जा सकता हैं। जी हाँ, ज्योतिष में यह मान्यता है कि किसी भी व्यक्ति का सिग्नेचर उसके स्वभाव का चित्रण होता हैं। तो किसी भी व्यक्ति के बारे में उसके सिग्नेचर से जाना जा सकता हैं। अब यह कैसे संभव है आइये हम बताते हैं।
* फैले हुए हस्ताक्षर : फैले हुये व लम्बे वार्इ या जी अक्षर के लूप या हिन्दी में उ एंव ऊ की मात्रा का बड़ा होना यौन इच्छा की प्रबलता को दर्शाता है। ऐसे व्यकित दूसरों से अपना काम निकलवाने में माहिर होते हैं। इन्हे मतलबी यार कहा जा सकता है।
* हस्ताक्षर के नीचे दो लाइनें : जो व्यक्ति अपने हस्ताक्षर के नीचे दो लाइनें खींचता है, वह व्यक्ति भावुक होता है। पूरी शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाता, मानसिक रूप से थोड़ा कमजोर होता है। इसके जीवन में असुरक्षा की भावना रहती है, जिसके कारण आत्महत्या करने का विचार मन में बना रहता है।
* हस्ताक्षर का पहला अक्षर बड़ा : जो लोग हस्ताक्षर का पहला अक्षर बड़ा लिखते हैं, वे अद्भुत प्रतिभा के धनी होते हैं। ऐसे लोग किसी भी कार्य को अपने अलग ही अंदाज से पूरा करते हैं। अपने कार्य में पारंगत होते हैं। पहला अक्षर बड़ा बनाने के बाद अन्य अक्षर छोटे-छोटे और सुंदर दिखाई देते हों तो व्यक्ति धीरे-धीरे किसी खास मुकाम पर पहुंच जाता है। ऐसे लोगों को जीवन में सभी सुख-सुविधाएं प्राप्त हो जाती हैं।
* पहले स्पष्ट फिर अस्पष्ट : यदि कोर्इ व्यकित पहले स्पष्ट व दूर-2 शब्दों को लिखता और अंतिम पैरा में छोटा-2 एंव ठीक से पढ़ने में न आने वाला लिखे तो उसके जीवन प्रथम भाग बहुत अच्छा व्यतीत होगा और जीवन के अंतिम भाग में कठिनार्इयों का सामना करना पड़ सकता है।
* हस्ताक्षर के शब्दों को काफी घुमाकर या सजाकर : जो व्यक्ति अपने हस्ताक्षर के शब्दों को काफी घुमाकर, सजाकर प्रदर्शित करके करता है वह व्यक्ति किसी न किसी हुनर का मालिक अवश्य होता है यानी कलाकार, गायक, पेंटर, व्यंग्यकार आदि। ऐसे व्यक्तियों का समय जीवन के उत्तराद्र्ध में अच्छा होता है।
* हस्ताक्षर को नीचे से ऊपर की ओर : जो लोग अपने हस्ताक्षर को नीचे से ऊपर की ओर ले जाते हैं, वे आशावादी होते हैं। निराशा का भाव उनके स्वभाव में नहीं होता है। ऐसे लोग भगवान में आस्था रखने वाले होते हैं। इनका उद्देश्य जीवन में ऊपर की ओर बढ़ना होता है। इस प्रकार हस्ताक्षर करने वाले व्यक्ति अन्य लोगों का प्रतिनिधित्व करने की इच्छा रखते हैं।
* हस्ताक्षर ऊपर से नीचे की ओर : जिन लोगों के हस्ताक्षर ऊपर से नीचे की ओर जाते हैं, वे नकारात्मक विचारों वाले हो सकते हैं। ऐस लोग किसी भी काम में असफलता की बात पहले सोचते हैं।
* हस्ताक्षर के अंत में लंबी लाइन : यदि कोई व्यक्ति हस्ताक्षर के अंत में लंबी लाइन खींचता है तो वह ऊर्जावान होता है। ऐसे लोग दूसरों की मदद के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। किसी भी काम को पूरे मन से करते हैं और सफलता भी प्राप्त करते हैं।
* हस्ताक्षर में सिर्फ अपना नाम : जो लोग हस्ताक्षर में सिर्फ अपना लिखते हैं, सरनेम नहीं लिखते हैं, वे लोग स्वयं के सिद्धांतों पर कार्य करने वाले होते हैं। आमतौर पर ऐसे लोग किसी और की सलाह मानते नहीं हैं, ये लोग सुनते सबकी हैं, लेकिन करते करते अपने मन की हैं।
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