धर्म-अध्यात्म

जन्म लेते ही तुलसीदास के मुख से निकला था 'राम', पढ़ें उनके जीवन से जुड़ी खास बातें

Subhi
4 Aug 2022 3:33 AM GMT
जन्म लेते ही तुलसीदास के मुख से निकला था राम, पढ़ें उनके जीवन से जुड़ी खास बातें
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हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को तुलसीदास जयंती मनाई जाती है। इस साल तुलसीदास जयंती 4 अगस्त, गुरुवार को है। गोस्वामी तुलसीदास भक्ति रस के कवि थे। उन्होंने कई ग्रंथों की रचना की लेकिन रामचरितमास की रचना कर तुलसीदास अमर हो गए।

हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को तुलसीदास जयंती मनाई जाती है। इस साल तुलसीदास जयंती 4 अगस्त, गुरुवार को है। गोस्वामी तुलसीदास भक्ति रस के कवि थे। उन्होंने कई ग्रंथों की रचना की लेकिन रामचरितमास की रचना कर तुलसीदास अमर हो गए। कहा जाता है कि जब तुलसीदास का जन्म हुआ तो उनके मुख से 'राम' शब्द निकला था। यही कारण है कि उनका नाम रामबोला पड़ गया। तुलसीदास का जन्म चित्रकूट के राजापुर गांव में आत्माराम दुबे और हुलसी के घर पर संवत 1554 में श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को हुआ था।

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कई ग्रंथों की रचना-

तुलसीदास रामचरितमानस, बरवै रामायण, विनय पत्रिका, राम लला नहछू आदि प्रमुख ग्रंथों के रचयिता हैं। राम भक्त हनुमान को तुलसीदास का अध्यात्मिक गुरू कहा जाता है। हनुमान जी की उपासना के लिए भी तुलसी दास ने विभिन्न रचनाएं लिखी हैं। जिनमें हनुमान चालिसा और बजरंग बाण आदि प्रमुख हैं।

प्रभु राम की वंदना में जुट गए-

ऐसी मान्यता है कि तुलसीदास को पत्नी रत्नावली से अत्यंत लगाव था। एक बार तुलसीदास ने अपनी पत्नी से मिलने के लिए उफनती नदी को भी पार कर लिया था। तब उनकी पत्नी ने उन्हें उपदेश देते हुए कहा जितना प्रेम आप मुझसे करते है, उतना स्नेह यदि प्रभु राम से करते, तो तुम्हें मोक्ष की प्राप्ति हो जाती। यह सुनते ही तुलसीदास की चेतना जागी और उसी समय से वह प्रभु राम की वंदना में जुट गए।

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