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Raksha Bandhan : पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन मनाने की परंपरा सावन के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन मनाने की परंपरा है. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं.
इसके बदले भाई उन्हें रक्षा का वचन देते हैं. हालांकि इस बार भी रक्षाबंधन की तिथि को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति है कि यह त्योहार किस तारीख को मनाया जायेगा. कुछ लोग 30 अगस्त को रक्षाबंधन बता रहे हैं तो कुछ 31 अगस्त को त्योहार होने का दावा कर रहे हैं. आइए जानते है ज्योतिष अनुसंधान केंद्र लखनऊ के संस्थापकवेद प्रकाश शास्त्री से रक्षाबंधन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें.
31 को उदया तिथि में मनाया जायेगा रक्षाबंधन
हिन्दू पंचांग के आधार पर भाई-बहनों का पवित्र त्योहार रक्षाबंधन इस बार दो दिन मनाये जाने की बात कही जा रही है. इस पर्व को लेकर पंचांग एक मत नहीं है. पूर्णिमा की तिथि और भद्रा की मौजूदगी इसका मुख्य कारण बन रहा है. विश्वविद्यालय पंचांग के मुताबिक श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त को सुबह 10 बजकर 19 मिनट से शुरू हो रही है और यह 31 अगस्त को सुबह 7 बजकर 52 मिनट पर समाप्त होगी.
भद्रा रहित काल में ही राखी बांधना शुभ
30 अगस्त यानी सुबह 10 बजकर 19 मिनट से पूर्णिमा तिथि शुरू होने के साथ ही भद्रा शुरू हो रही है, जो रात 8 बजकर 45 मिनट तक रहेगी. इसलिए राखी का शुभ मुहूर्त 31 अगस्त को है. पूर्णिमा तिथि सुबह 07 बजकर 52 मिनट तक ही है. उदया तिथि को ध्यान में रखते हुए 31 अगस्त के दिन भी रक्षाबंधन मनाया जायेगा. खजरैठा गांव निवासी डॉ मनोज कुंवर की माने तो भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधने का कोई भी वक्त अशुभ नहीं माना जाता है, लेकिन भाई की दीर्घायु और खुशियों की कामना एक शुभ मुहूर्त में की जाय तो सारे कष्ट दूर होते हैं. रक्षाबंधन त्योहार 31 अगस्त को मनाया जायेगा.
31 अगस्त दिन गुरुवार को राखी बांधना शुभ
ज्योतिष अनुसंधान केंद्र लखनऊ के संस्थापक वेद प्रकाश शास्त्री ने बताया कि इस वर्ष 30 अगस्त को ही सावन माह की पूर्णिमा शुरू हो जायेगी. लेकिन भद्रा की शुरुआत होने के कारण रक्षा बंधन का शुभ कार्य कम उचित होता है. ऐसे में ज्योतिषियों के अनुसार 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 05 मिनट से पहले ही रक्षाबंधन करना अधिक शुभकारी रहेगा.
शहर में सजने लगी राखी की दुकानें
भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक रक्षा बंधन का त्योहार जैसे-जैसे करीब आ रहा है. बाजार से लेकर गांव तक राखी की दुकानें सजना शुरू हो गयी हैं. कारोबारियों ने अलग-अलग दामों की रंग-बिरंगी राखी से अपनी दुकानें लग गयी हैं. दुकान पर राखी खरीदने पहुंची शांति कुमारी ने बताया कि आज के डिजिटल जमाने में बहुत से त्योहार मोबाइल पर मैसेज कर मना लिए जाते हैं. लेकिन रक्षा बंधन एक ऐसा त्योहार है जिसे ऑफलाइन ही मनाना पड़ता है.
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