धर्म-अध्यात्म

12 अगस्त को भी मनाई जाएगी राखी, जानिए रक्षाबंधन मनाने का सही तरीका

Subhi
9 Aug 2022 5:35 AM GMT
12 अगस्त को भी मनाई जाएगी राखी, जानिए रक्षाबंधन मनाने का सही तरीका
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भाई-बहन का प्यारा सा त्योहार रक्षाबंधन 11 और 12 अगस्त की सुबह तक मनाया जा रहा है। हिंदू पंचाग के अनुसार, सावन पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त गुरुवार सुबह 10 बजकर 38 मिनट से शुरू हो रही है

भाई-बहन का प्यारा सा त्योहार रक्षाबंधन 11 और 12 अगस्त की सुबह तक मनाया जा रहा है। हिंदू पंचाग के अनुसार, सावन पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त गुरुवार सुबह 10 बजकर 38 मिनट से शुरू हो रही है और अगले दिन 12 अगस्त को सुबह 07 बजकर 3 मिनट तक रहेगी। इसके साथ ही 11 अगस्त को भद्रा का साया है। ऐसे में भद्र का साया होने का कारण राखी बांधने के लिए सिर्फ एक घंटे का ही शुभ मुहूर्त बताया जा रहा है। जानिए अगर 12 अगस्त को रक्षाबंधन मना रहे हैं, तो किस समय तक राखी बांधना होगा शुभ।

तस्वीरों में देखें- रक्षाबंधन पर बहनें भाई को न बांधे ऐसी राखी

12 अगस्त को राखी बांधने का समय

सावन मास की पूर्णिमा 11 अगस्त को 10 बजकर 39 मिनट पर शुरू हो रही है जो 12 अगस्त सुबह 7 बजकर 5 मिनट को समाप्त होगी। इसके साथ ही भद्रा सुबह से शुरू होकर रात 08 बजकर 51 मिनट पर समाप्त हो रही है। इसके बाद बहनें भाईयों को राखी बांध सकती है। लेकिन हिंदू धर्म के अनुसार, सूर्यास्त के बाद किसी भी शुभ कार्य को करने की मनाही होती है। इसलिए 12 अगस्त को राखी का त्योहार शुभ माना जा रहा है। 12 अगस्त को पूर्णिमा सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक रहेगी। इस समय तक राखी बांधना शुभ होगा।

11 अगस्त को किस समय मनाएं रक्षाबंधन

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 11 अगस्त को दिनभर भद्रा रहेगी। ऐसे में राखी बांधना शुभ नहीं होता है। लेकिन पूंछ भद्रा के समय राखी बांधी जा सकती है। बता दें कि रक्षाबंधन की भद्रा पूंछ 11 अगस्त को शाम 05 बजकर 17 मिनट से 06 बजकर 18 मिनट तक। इस अवधि में राखी बांधना शुभ होगा।

बहनें राखी बांधते समय पढ़ें ये मंत्र

ऊँ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।

तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।

बहनें ऐसे बांधे भाई को राखी

रक्षाबंधन के दिन बहनें भाईयों को शुभ योग में ही राखी बांधे। इस दिन बहनें एक थाली में रोली, चंदन, राखी, घी का दीपक, मिठाई, अक्षत, फूल आदि रख लें। इसके बाद भाई को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठा दें। फिर भाई की सबसे पहले आरती कर लें। इसके बाद माथे पर रोली, चंदन और अक्षत लगाएं। इसके बाद फूल डालें और फिर राखी बांधे। अंत में मिठाई खिलाएं। इसके बाद भाई बहन के पैर छूकर उसे उपहार दें।


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