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धर्म-अध्यात्म
Raja yoga: एक साथ 2 राजयोग, इन चार राशियों का बदल देंगे भाग्य
HARRY
24 May 2023 5:42 PM GMT
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शुभ योग जहां कई राशि वालों को मनचाही सफलता दे देते हैं
Raja yoga in Hindu astrology: वैदिक ज्योतिष में समय-समय पर ग्रहों के कई योग बनते हैं, जो शुभ भी होते हैं और अशुभ भी होते हैं। शुभ योग जहां कई राशि वालों को मनचाही सफलता दे देते हैं तो अशुभ योग कई बार सफलता में बाधक भी बन जाते हैं और कोई न कोई परेशानी भी दे देते हैं। ज्योतिष मुताबिक हर ग्रह एक निश्चित समय अंतराल पर राशि परिवर्तन करते हैं। ग्रहों का एक राशि से दूसरी राशि में जाना ग्रह गोचर कहलाता है, इससे कई राजयोग का भी निर्माण होता है, जिसका प्रभाव राशियों पर शुभ और अशुभ दोनों होता है।
What happens if you have Rajyog in Kundali: वैसे तो ज्योतिष में सैंकड़ों की संख्या में योग हैं लेकिन कुछ विशेष योग भी होते हैं जिनके बनने से व्यक्ति ऊंचा पद, प्रतिष्ठा और खूब दौलत हासिल करता है। ऐसे ही शुभ योगों में महालक्ष्मी योग और गजकेसरी योग भी शामिल है।
Rajyog in Kundli Prediction: ज्योतिष शास्त्र में दिलचस्पी रखने वाले दर्शकों की जानकारी के लिए 24 मई को एक साथ 2 शुभ राजयोग का निर्माण होने जा रहा है, जिसका असर आने वाले कई दिनों तक दिखेगा और इन राजयोगों के चलते कई राशियों की किस्मत चमक जाएगी। सबसे पहले मैं महालक्ष्मी योग की बात करूंगा और फिर उन राशियों की बात करूंगा जिनके लिए एक साथ 2 राजयोगों का बनना वरदान साबित होने वाला है।
कुंडली में मौजूद योग के आधार पर ही व्यक्ति के भाग्य का निर्माण होता है। व्यक्ति के भाग्य पर इसका असर देखने को मिलता है। किसी की कुंडली में मंगल सहित लक्ष्मी योग और अन्य महत्वपूर्ण योग हो तो उसके भविष्य काफी अच्छे माने जाते हैं। महालक्ष्मी राजयोग के निर्माण से करियर में समृद्धि प्राप्त होती है। गरीबी से राहत और धन प्राप्ति के योग बनते हैं। ऐसा तब होता है, जब महालक्ष्मी योग के पक्ष में होता है। महालक्ष्मी योग सुनिश्चित करता है कि व्यक्ति की कुंडली में यह मूल समृद्ध धनवान और समृद्धि योग है।
लक्ष्मी योग एक ऐसा योग है जिसे हर कोई अपनी कुंडली में देखना चाहता है। कुंडली में लक्ष्मी योग होने पर व्यक्ति को कई स्रोतों से धन की प्राप्ति होती है। कुंडली में कई तरह के लक्ष्मी योग बनते हैं। मुख्य रूप से यह 5 तरह के होते हैं। लक्ष्मी योग, महालक्ष्मी योग, श्रीलक्ष्मी योग, अष्टलक्ष्मी योग और नव लक्ष्मी योग।
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