धर्म-अध्यात्म

08 अगस्त को है पुत्रदा एकादशी, इस विधि-विधान से करें पूजा

Ritisha Jaiswal
4 Aug 2022 11:46 AM GMT
08 अगस्त को है पुत्रदा एकादशी, इस विधि-विधान से करें पूजा
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सावन माह की पुत्रदा एकादशी 08 अगस्त को है. इस​ दिन सावन का सोमवार व्रत भी है.

सावन माह की पुत्रदा एकादशी 08 अगस्त को है. इस​ दिन सावन का सोमवार व्रत भी है. श्रावण पुत्रदा एकादशी (Shravana Putrada Ekadashi) के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा- अर्चना करते हैं. इस बार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 07 अगस्त, रविवार को रात 11 बजकर 50 मिनट पर शुरु हो रही है और इस तिथि का समापन 08 अगस्त, सोमवार को रात 09:00 बजे हो रहा है. एकादशी वाले दिन रवि योग सुबह 05 बजकर 46 मिनट से प्रारंभ होकर दोपहर 02 बजकर 37 मिनट तक है. ऐसे में आप रवि योग में पूजा करके अपने मनोकामनाओं की पूर्ति कर सकते हैं. रवि योग कार्यों में सफलता प्रदान करने वाला योग है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव

पुत्रदा एकादशी का म​हत्व
यह एकादशी व्रत पुत्र प्राप्ति के लिए रखा जाता है. हालांकि जो लोग पुत्रदा एकादशी व्रत रखते हैं, वे समस्त पापों से मुक्त हो जाते हैं और मृत्यु के बाद स्वर्ग मे स्थान पाते हैं.
08 अगस्त को है पुत्रदा एकादशी, इस विधि-विधान से करें पूजा1. जिन लोगों को पुत्रदा एकादशी व्रत रखना है, वे 07 अगस्त से ही सात्विक भोजन करें. तामसिक भोजन का त्याग कर दें. वैसे भी चातुर्मास में तामसिक भोजन से परहेज करना चाहिए.
2. व्रत के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत होकर आप स्वच्छ कपड़े पहन लें. उसके बाद पुत्रदा एकादशी व्रत और विष्णु पूजा का संकल्प करें.
3. इसके बाद भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर को एक चौकी पर स्थापित करें. फिर पंचामृत से भगवान विष्णु का अभिषेक करें. उसके बाद वस्त्र, यज्ञोपवीत, चंदन, अक्षत् आदि उन्हें अर्पित करें.
4. अब भगवान विष्णु को पीले फूल, केला, तुलसी का पत्ता, मौसमी फल, मिठाई, खीर, पीले फूलों की माला, धूप, दीप, गंध आदि चढ़ाएं. उसके बाद विष्णु चालीसा और श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत का पाठ करें.

यह भी पढ़ें: पुत्रदा एकादशी पर बना है रवि योग, जानें इस व्रत से होने वाले 4 लाभ

5. इसके पश्चात घी के दीपक से भगवान विष्णु की विधिपूर्वक आरती करें. श्रीहरि से संतान प्राप्ति की प्रार्थना करें. उसके बाद शाम को संध्या आरती करें. रात्रि के समय जागरण करें.

6. अगले दिन सुबह स्नान के बाद पूजन करें. फिर किसी ब्राह्मण को वस्त्र, अन्न आदि का दान करें और दक्षिणा दें.

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7. फिर सुबह 05:47 बजे से सुबह 08:27 बजे के मध्य कभी भी पारण करके पुत्रदा एकादशी व्रत को पूरा करें. इस प्रकार से व्रत को सफल बनाएं.

8. व्रत के दिन आप किसी विशेष मंत्र का जाप करना चा​हते हैं तो कर लेंं. इसमें आपको मंत्र के शुद्ध उच्चारण का ध्यान रखना होगा.


Ritisha Jaiswal

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