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Pushya Nakshatra: पुष्य नक्षत्र में होती है धन की प्राप्ति, जानें इसकी महत्व

Deepa Sahu
25 Jan 2021 2:57 PM GMT
Pushya Nakshatra: पुष्य नक्षत्र में होती है धन की प्राप्ति, जानें इसकी महत्व
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जानिए क्या है पुष्य नक्षत्र और इसका महत्व

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: जानिए क्या है पुष्य नक्षत्र और इसका महत्व- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, आकाश मंडल में कुल 27 नक्षत्र होते हैं और इनमें पुष्य नक्षत्र सबसे शुभ माना जाता है। इस नक्षत्र को तिष्य और अमरेज्य के नाम से भी जाना जाता है। तिष्य यानी शुभ मांगलिक वाला नक्षत्र और अमरेज्य यानी देवताओं के द्वारा पूजे जाना वाला नक्षत्र। इस नक्षत्र के स्वामी ग्रहों के रूप में शनिदेव मान्य हैं। यह नक्षत्र इतना शुभ है कि विवाह को छोड़कर बिना पंचांग देखे कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं। इसमें सभी अशुभ योगों को दूर करने की क्षमता होती है। 28 जनवरी दिन गुरुवार को गुरु पुष्य योग बन रहा है, चूंकि गुरुवार के दिन यह योग बन रहा है तो इसको गुरु पुष्य योग कहते हैं। आइए जानते हैं क्या हैं पुष्य नक्षत्र की खूबियां और यह किस तरह धनदायक है…

धन प्राप्ति के लिए अत्यंत पवित्र
ज्योतिशास्त्र के अनुसार, सत्ताइस नक्षत्रों में आठवां नक्षत्र पुष्य है। देवगुरु बृहस्पति को पद-प्रतिष्ठा, सफलता, ऐशवर्य शुभ और समृद्धि का स्वामी माना गया है, वहीं शनि महाराज सभी ग्रहों में धीमी गति से चलने वाले धर्म के कारक ग्रह हैं। शनि व गुरु समभाव रखते हैं। इसलिए गुरुवार के दिन शनिदेव का नक्षत्र पुष्य उपस्थित होता है तो काफी शुभ फल देता है। बारह राशियों में चंद्रमा केवल कर्क के स्वामी हैं और पुष्य नक्षत्र के सभी चरणों में चंद्रमा कर्क राशि में स्थित होते हैं, इसलिए पुष्य नक्षत्र को धन प्राप्ति के लिए अत्यंत पवित्र माना गया है।
जनवरी को गुरु पुष्य योग
पुष्य नक्षत्र का सबसे ज्यादा महत्व गुरुवार और रविवार के दिन होता है। गुरुवार को पड़ने के कारण यह गुरु पुष्य योग बनता है और रविवार को रविपुष्य योग बनता है। जो ज्योतिष के सर्वाधिक शुभ मुहूर्त में से एक है। इसलिए 28 जनवरी को गुरु पुष्य योग बन रहा है। गुरुवार और रविवार को यह नक्षत्र बहुत शुभ और उत्तम फलदायी होता है लेकिन अन्य दिनों में पुष्य नक्षत्र का फल या तो सामान्य रहता है या फिर अशुभ फल देता है।
इन ग्रहों का होता है प्रभाव
पुष्य नक्षत्र में खरीदारी करना या फिर नया कार्य शुरू करना बहुत शुभ माना जाता है। इस योग में किए गए हर कार्य का फल शुभ ही मिलता है और धन वृद्धि कराता है। इस नक्षत्र पर गुरु, शनि और चंद्र का प्रभाव होता है। इसलिए इस नक्षत्र में की गई खरीदारी अक्षय (जिसका कोई क्षय न हो) रहती है। इस नक्षत्र में थोड़ा सा धन अगर निवेश करते हैं तो इसका शुभ फल मिलता है।
भगवान शिव का मिला है शाप
पुष्य नक्षत्र में जन्म लेने वाला व्यक्ति पर देवी-देवताओं की विशेष कृपा होती है। वह लोगों की मदद के लिए हमेशा आगे रहते हैं और महान कर्म करते हैं। साथ ही धार्मिक कार्य, बलवान, कृपालु, धनी, दयालु और विविध कलाओं का ज्ञानी आदि होता है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति पर जादू-टोने का असर नहीं होता। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाली महिलाएं काफी प्रभावशाली मानी जाती हैं और उनका यश चारों तरफ फैलता है। लेकिन माता पार्वती के समय भगवान शिव से मिले शाप के कारण इस नक्षत्र में पाणिग्रहण संस्कार नहीं किए जाते।
माता लक्ष्मी की होती है कृपा प्राप्त
पुष्य नक्षत्र में धार्मिक कार्य जैसे – जप, तप, दान, शुभ कर्म, अनुष्ठान, दीक्षा आदि शुरू करना बहुत शुभ माना गया है। सृष्टि के अन्य कार्य भी इस नक्षत्र में किए जाते हैं। इस नक्षत्र में दुध का दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और अचानक धन की प्राप्ति होती है। पुष्य नक्षत्र पर महालक्ष्मी की विशेष कृपा है और इस शुभ योग में माता लक्ष्मी को प्रसन्न करना सबसे आसान होता है। इस शुभ योग में लक्ष्मी स्त्रोत और कनकधारा स्तोत्र का पाठ करने से माता की विशेष कृपा प्राप्त होती है और आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
पुष्य नक्षत्र का महत्व
ज्योतिशास्त्र के अनुसार, पुष्य नक्षत्र में वाहन, भूमि, जमीन आदि खरीदना बेहद शुभ माना जाता है या फिर आप नया कार्य या नया व्यापार शुरू करने वाले हैं तो यह बेहद लाभकारी होता है। यह नक्षत्र कामदोष मुक्त होता है और शीघ्र ही अपना फल देता है। इस नक्षत्र में खोई हुई वस्तु जल्दी मिल जाती है। अगर आप पुष्य नक्षत्र के योग में स्वर्ण खरीदना चाहते हैं तो इससे घर में बरकत होती है और इन चीजों से स्थायी लाभ मिलता है। इस नक्षत्र में कुछ भी खरीदना परिवार के लिए शुभ फल प्रदान करने वाला है और परिवार के सदस्यों की प्रगति भी होती है।


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