धर्म-अध्यात्म

आज पुरुषोत्तम एकादशी, जानिये व्रत की विधि

Anuj kumar Rajora
29 July 2023 6:20 AM GMT
आज पुरुषोत्तम एकादशी, जानिये व्रत की विधि
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आज: शनिवार 29 जुलाई 2023 को पद्मिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। इसे पुरुषोत्तमी एकादशी भी कहते हैं। ये नाम पद्मपुराण में बताया गया है। वहीं, महाभारत में इसे सुमद्रा एकादशी कहा गया है। हिन्दू धर्म में 3 वर्ष बाद आए अधिक मास और सावन के महीने में आने वाली इस एकादशी का बहुत महत्व है। 3 साल में आने वाली ये एकादशी बहुत ही खास होती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत-उपवास करने से ही हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। इस व्रत से सालभर की एकादशियों का पुण्य मिल जाता है। हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक पुरुषोत्तमी एकादशी व्रत अधिक मास में आता है। भगवान विष्णु के महीने में होने से ये व्रत और भी खास हो जाता है। यह व्रत करने वालों को दशमी की रात्रि से ही पूर्ण नियमों तथा ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करते हुए भोग विलास से दूर रहना चाहिए। एकादशी के दिन स्नानादि करके मंदिर में जाकर गीता पाठ करने का विशेष महत्व है। यदि आप स्वयं पाठ नहीं कर सकते तो पुरोहित जी से गीता पाठ का श्रवण करना उचित रहता है। इस एकादशी के बारे में सबसे पहले ब्रह्मा जी ने नारद जी को बताया था फिर श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को इसका महत्व बताया। इस दिन राधा-कृष्ण और शिव-पार्वती की पूजा की जाती है। इस व्रत में दान का खास महत्त्व है। इस दिन मसूर की दाल, चना, शहद, पत्तेदार सब्जियां और पराया अन्न नहीं खाना चाहिए। इस दिन नमक का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए और कांसे के बर्तन में खाना नहीं खाना चाहिए। वहीं, पूरे दिन कंदमूल या फल खाए जा सकते हैं। व्रत की विधि

—एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर तीर्थ स्नान करना चाहिए। तीर्थ स्नान न कर सकें तो घर में ही पानी में गंगाजल की कुछ बूंदें डालकर नहा सकते हैं।

—पानी में तिल, कुश और आंवले का थोड़ा सा चूर्ण डालकर नहाना चाहिए।

—नहाने के बाद साफ कपड़े पहनकर भगवान विष्णु की पूजा करें और मंदिर में दर्शन करें।

—भगवान के भजन या मंत्रों का पाठ करना चाहिए और कथा सुनें। भगवान को नैवेद्य लगाकर सब में बांट दें और ब्राह्मण भोजन करवाएं। —पद्मिनी एकादशी व्रत-उपवास करने वालों को दशमी के दिन से मांस, लहसुन, प्याज, मसूर की दाल आदि वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए।

—इस एकादशी के लिए दशमी के दिन व्रत का आरम्भ करके जौ, चावल आदि का भोजन करें और नमक न खाएं। —एकादशी की कथा का पठन जरूर करें। —दूसरे के घर का भोजन ग्रहण नहीं करें।

—आरती के पश्चात श्री विष्णु मंत्रों का जाप करें। नोट: आलेख में दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित है। आप अपने लिए विषय विशेषज्ञों से परामर्श कर सकते हैं। कंटेंट का उद्देश्य मात्र आपको बेहतर सलाह देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।

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