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धर्म-अध्यात्म
26 जनवरी को मनाया जाएगा प्रदोष व्रत, जानिए इसकी शुभ मुहूर्त एवं महत्व
Triveni
25 Jan 2021 4:30 AM GMT
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हर माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत आता है. मान्यता है कि प्रदोष के समय महादेव कैलाश पर्वत के रजत भवन में इस समय नृत्य करते हैं
जनता से रिश्ता वेबडेसक | हर माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2021) आता है. मान्यता है कि प्रदोष के समय महादेव कैलाश पर्वत के रजत भवन में इस समय नृत्य करते हैं और देवता उनके गुणों का स्तवन करते हैं. जो भी लोग अपना कल्याण चाहते हों यह व्रत रख सकते हैं. प्रदोष व्रत को करने से हर प्रकार का दोष मिट जाता है. नए साल का दूसरा प्रदोष व्रत 26 जनवरी 2021 यानी कल मनाया जाएगा।
प्रदोष व्रत मुहूर्त (Pradosh Vrat 2021 Muhurat)
पौष, शुक्ल त्रयोदशी
प्रारंभ – 00:24, जनवरी 26
समाप्त – 01:11, जनवरी 27
प्रदोष व्रत का महत्व (Pradosh Vrat 2021 Importance)
प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है. इस दिन शिव पुराण और भगवान शिव के मंत्रों का जाप किया जाता है. माना जाता है इस दिन भगवान शिव की अराधना करने से भक्तों परग शिव जी की विशेष कृपा होती है और व्यक्ति के सभी दुख और कष्ट खत्म हो जाते हैं. प्रदोष व्रत शनिवार के दिन पड़ने से इसे शनि प्रदोष के नाम से जाना जाता है. इस दिन संतान प्राप्ति के लिए व्रत रखा जाता है.
इस तरह करें पूजा (Pujan vidhi)
प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद पूजा आरंभ करें. व्रत का संकल्प लेने के बाद भगवान शिव का जल अभिषेक करें. पंचामृत का पूजा में प्रयोग करें. धूप दिखाएं और भगवान शिव को भोग लगाएं. इसके बाद व्रत का संकल्प लें. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव त्रयोदशी तिथि में शाम के समय कैलाश पर्वत पर स्थित अपने रजत भवन में नृत्य करते हैं.
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