धर्म-अध्यात्म

राम वन गमन पथ पर मिलेंगे 35 टन वजनी प्रभू राम

Manish Sahu
26 Aug 2023 4:45 PM GMT
राम वन गमन पथ पर मिलेंगे 35 टन वजनी प्रभू राम
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धर्म अध्यात्म: छत्तीसगढ़ का भगवान राम से काफी करीब का नाता है. माता कौशल्या खुद छत्तीसगढ़ की राजकुमारी थी, वहीं भगवान राम ने भी अपने वनवास के दौरान काफी वक्त छत्तीसगढ़ में गुजारा था. आज भी छ्त्तीसगढ़ में पौराणिक, धार्मिक और ऐतिहासिक मान्यताओं के आधार कई ऐसे स्थान मिल जाएंगे, जिन्हें भगवान राम से जोड़कर देखा जाता है. यही वजह है कि अयोध्या के बाद छत्तीसगढ़ में भी राम वनगमन पथ बन रहे हैं, जिसका काम शुरू हो गया है.
रामायण के मुताबिक भगवान राम ने वनवास का वक्त दंडकारण्य में बिताया था. छत्तीसगढ़ का बड़ा हिस्सा प्राचीन समय का दंडकारण्य माना जाता है. अब उन जगहों को नई सुविधाओं के साथ विकसित किया जा रहा है, जिन्हें लेकर यह दावा किया जाता है कि वनवास के वक्त भगवान यहीं रहे थे.
दरअसल, छत्तीसगढ़ में बन रहे राम वन गमन पथ में भगवान राम की 9 मूर्तियों की स्थापना की जानी है. इनमें से दो प्रतिमाएं भोपाल के रातीबड़ में तैयार हो रही हैं. एक प्रतिमा माता कौशल्या की गोद में श्रीराम के बालरूप की है, जबकि दूसरी श्रीराम की अकेले की है. रातीबड़ में बन रही इन प्रतिमाओं का निर्माण भोपाल के मूर्तिकार प्रमोद गायकवाड़ और ग्वालियर के पंकज सरोज और उनकी टीम कर रही हैं. पंकज बताते हैं कि श्री राम की प्रतिमा 25 फीट ऊंची है, जबकि माता कौशल्या की प्रतिमा की ऊंचाई 15 फीट है. दोनों का काम अंतिम चरण में है.
35 टन की श्री राम की मूर्ति
26 अगस्त को इन्हें छत्तीसगढ़ रवाना कर दिया जाएगा. श्रीराम की प्रतिमा नगरी शहर और माता कौशल्या की प्रतिमा चंदखुरई गांव में स्थापित की जाएगी.मूर्तिकार पंकज ने बताया, दोनों प्रतिमाओं का निर्माण ग्वालियर सैंड स्टोन से किया जा रहा है. श्री राम की प्रतिमा बनाने में तीन महीने लगे. इन्हें अलग-अलग शेप देने के बाद आपस में जोड़ा जाता है. श्री राम की मूर्ति का वजन 35 टन और कौशल्या माता की मूर्ति का वजन कुल 28 टन है.
विकसित किए जा रहे ये 9 जगह
वहीं बताते चलें कि छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल वैश्विक पर्यटन क्षेत्रों का विस्तार कर रहा है. जिन जगहों पर भगवान राम आए थे ऐसे 75 स्थानों की पहचान कर वैश्विक पर्यटन को ध्यान में रखते हुए विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है. प्रथम चरण में कोरिया से सुकमा तक 2260 किमी की लंबाई तक 9 जगहों को रामायणकाल के अनुकूल विकसित करने का कार्य जारी है.
कदम-कदम पर होंगे श्रीराम के दर्शन
कोरिया जिले से सुकमा तक कदम-कदम पर भगवान श्रीराम के दर्शन होंगे और उनसे जुड़ी महत्व की कथाएं देखने और सुनने को मिलेंगी. राम वन गमन पथ पर्यटन योजना में सीतामढ़ी हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (सरगुजा), शिवरीनारायण (जांजगीर-चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाजार), चंदखुरी (रायपुर), राजिम (गरियाबंद), सिहावा सप्तऋषि आश्रम (धमतरी), जगदलपुर (बस्तर) और रामाराम (सुकमा) शामिल हैं. लगभग 133 करोड़ 55 लाख रुपए की लागत से इन क्षेत्रों में पर्यटन के विकास का कार्य सीएम भूपेश बघेल के निर्देश पर लगातार जारी है.
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