धर्म-अध्यात्म

आराध्य देव ऐसे दीपक जलाकर करें प्रसन्न

Deepa Sahu
11 April 2023 12:13 PM GMT
आराध्य देव ऐसे दीपक जलाकर करें प्रसन्न
x
देवी देवताओं की पूजा में दीपक जलाने का विधान है।
सनातन धर्म में ईश्वर आराधना को उत्तम माना गया है और देवी देवताओं की पूजा में दीपक जलाने का विधान है। धार्मिक अनुष्ठान, पूजा पाठ आदि शुभ अवसरों पर दीपक प्रज्वलित किया जाता है। बिना दीपक के कोई भी पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती है। इसके लिए पूजा के समय लोग देवी देवताओं को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए दीपक जलाते है।
मान्यता है कि विधि पूर्वक पूजा पाठ करने और दीपक प्रज्वलित करने से देवता प्रसन्न होकर कृपा करते है। लेकिन ज्योतिष और वास्तुशास्त्र में दीपक प्रज्वलित करने से जुड़े कई नियम बताए गए है। अगर इनका पालन किया जाए तो सकारात्मक परिणाम की प्राप्ति होती है। लेकिन इनकी अनदेखी दुख और दरिद्रता लाती है तो आज हम आपको दीपक जलाने से जुड़े नियम बता रहे है।
दीपक जलाने से जुड़े नियम—
जब भी पूजा आराधना करें तो देवी देवताओं के समक्ष सरसों, तिल और शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं। दीपक जलाने के लिए रूई से बनी बाती का ही प्रयोग करना चाहिए। बाती दो तरह की होती है जिसमें एक गोल होती है तो दूसरी लंबी बाती होती है। माना जाता है कि लंबी बाती से दीपक जलाने से घर परिवार में सुख समृद्धि आती है साथ ही धन और वैभव भी बना रहता है। लंबी बाती का दीपक माता लक्ष्मी, मां दुर्गा, मां सरस्वती, माता पार्वती के समक्ष जलाना चाहिए।वही कुल की देवी देवताओं और आंवले के पेड़ के नीचे भी आप लंबी बाती का दीपक जला सकते है। ऐसा करने से भाग्य में वृद्धि होती है। अमावस्या या फिर पितरों की पूजा में आप लंबी बाती का प्रयोग कर सकते है। लेकिन गोल बाती का इस्तेमाल हमेशा ही देवताओं की पूजा में करना चाहिए। इसके अलावा पीपल और वट वृक्ष कीपूजा में भी आप गोल बाती का ही प्रयोग करें ऐसा करने से सुख समृद्धि व तरक्की का आशीर्वाद मिलता है।
Next Story