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धर्म-अध्यात्म
न्याय के देवता शनिदेव को इन उपायों से करें प्रसन्न, वक्र दृष्टि से होगा बचाव
Kiran
7 Jun 2023 1:44 PM GMT
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आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे उपायों की जानकारी देने जा रहे हैं जिनकी मदद से शनिदेव को प्रसन्न किया जा सकता हैं और उनकी वक्र दृष्टि से अपना बचाव किया जा सकता हैं।
- शनिवार के दिन किसी शनि मंदिर में जाकर लोहे की बनी हुई, शनि की प्रतिमा पर पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए। इससे आपको शनि की पीड़ा से मुक्ति और समस्याओं से राहत मिलेगी।
- शनि महाराज की कृपा पाने के लिए कभी भी किसी के साथ अन्याय न करें। अपने से बड़ों और बुजुर्गों का सदैव सम्मान करें। असहाय और कमजोर लोगों को न सताएं। गरीबों और जरुरत मंदों की सेवा करें। इससे शनिदेव आपसे प्रसन्न होंगे। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए आप कुछ अन्य उपाय भी कर सकते हैं। जिससे आप शनिदोष के कारण होने वाली परेशानियों से निजात पा सकते हैं।
- शनि की वक्रदृष्टि पड़ने से पारिवारिक जीवन और स्वास्थ्य से लेकर व्यापार तक में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इनकी वक्र दृष्टि से बचने के लिए हाथ में लोहे का छल्ला धारण करना चाहिए। लेकिन ये छल्ला आग में तपाकर न बनाया गया हो। किसी भी दिन छल्ला लाकर उसे रख दें और शनिवार के दिन प्रातःकाल के समय छल्ले को सरसों को तेल में डालकर रख दें। संध्या के समय छल्ले के तेल से निकाल कर गंगाजल से पवित्र करें। उसके बाद ॐ शं शनैश्चराय नमः मंत्र के जाप के बाद इसे धारण। लेकिन शनिवार के दिन कभी भी लोहे से बनी चीजें खरीदकर घर में न लाएं।
- शनिवार के दिन छायादान करना बहुत शुभ माना जाता है। किसी पात्र में सरसों का तेल लेकर उसमें रुपए का सिक्का डालकर अपने चेहरे का प्रतिबिंब तेल में देखें। उसके बाद उस तेल को दान कर दें। शनिवार के दिन तेल भी नहीं खरीदना चाहिए। इस दिन सरसों के तेल का दान किया जाता है।
- शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए काले तिल, सरसों के तेल, पुष्प और धूप आदि से शनिदेव की पूजा करनी चाहिए और काले रंग के वस्त्र अर्पित करने चाहिए। पूजा करते समय शनि के नामों का उच्चारण करना चाहिए। जब पूजा समाप्त हो जाए तो पीपल के वृक्ष की 7 परिक्रमा लगाकर शनि मंत्र का जाप करना चाहिए। लगातार 7 शनिवार तक निष्ठा पूर्वक यह उपाय करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। शनिदोष से होने वाली परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
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