धर्म-अध्यात्म

महाशिवरात्रि पर इस आरती से करें भगवान शिव को प्रसन्न

Tara Tandi
5 March 2024 12:29 PM GMT
महाशिवरात्रि पर इस आरती से करें भगवान शिव को प्रसन्न
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ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: सनातन धर्म में कई सारे पर्व मनाएं जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन महाशिवरात्रि को बेहद ही खास माना गया है जो कि फाल्गुन मास में आती है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की विधिवत पूजा की जाती है और व्रत आदि भी रखा जाता है माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान की कृपा प्राप्त होती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार महाशिवरात्रि का त्योहार हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मनाया जाता है इस दिन शिव पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। इस साल महाशिवरात्रि का व्रत 8 मार्च को किया जाएगा। इस दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा करें साथ ही साथ उनकी प्रिय आरती का पाठ करने से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होकर कृपा करते हैं और सारी मनोकामनाओं को भी पूरा कर देते हैं। तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं भगवान भोलेनाथ की प्रिय आरती।
भगवान शिव की आरती—
ओम जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव अर्द्धांगी धारा।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे। हंसानन गरूड़ासन
वृषवाहन साजे।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
अक्षमाला वनमाला मुण्डमालाधारी।
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।
सनकादिक गरुड़ादिक भूतादिक संगे।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
मधु कैटव दोउ मारे, सुर भयहीन करे।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
लक्ष्मी, सावित्री पार्वती संगा।
पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
पर्वत सोहें पार्वतू, शंकर कैलासा।
भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
जया में गंग बहत है, गल मुण्ड माला।
शेषनाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
काशी में विराजे विश्वनाथ, नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोई नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवान्छित फल पावे।।
ओम जय शिव ओंकारा।। ओम जय शिव ओंकारा।।
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