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पंचांग के अनुसार, भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के साथ पितृपक्ष की शुरुआत हो जाती है जो अश्विन मास की अमावस्या के साथ समाप्त होते हैं।पितृपक्ष के दौरान पितरों का तर्पण और श्राद्ध करने का काफी अधिक महत्व है। हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का काफी महत्व है। जानिए पितृपक्ष की तिथियां और महत्व।
पितृपक्ष 2022 की तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 09 सितंबर, शुक्रवार को शाम 06 बजकर 07 मिनट से प्रारंभ हो रही है। इसके साथ ही भाद्रपद पूर्णिमा तिथि का समापन 10 सितंबर, शनिवार को दोपहर 03 बजकर 28 मिनट पर होगा। इसलिए इस साल भाद्रपद पूर्णिमा 10 सितंबर को होगी। इस दिन से श्राद्ध कार्य भी शुरू हो जाएंगे।
पिंडदान करने से पितरों को मिलेगा मोक्ष
मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान पितरों का पिंडदान करने से उन्हें पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और वह सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। इतना ही नहीं कुंडली से पितृ दोष से भी मुक्ति मिल जाती है।
पितृ पक्ष 2022 की प्रमुख तिथियां
10 सितंबर 2022- पूर्णिमा श्राद्ध भाद्रपद, शुक्ल पूर्णिमा
11 सितंबर 2022-आश्विन, कृष्ण प्रतिपदा तिथि को प्रतिपदा श्राद्ध
12 सितंबर 2022- आश्विन मास की कृष्ण द्वितीया
13 सितंबर 2022 - आश्विन मास की कृष्ण तृतीया
14 सितंबर 2022 - आश्विन माह की कृष्ण चतुर्थी
15 सितंबर 2022 - आश्विन मास की कृष्ण पंचमी
16 सितंबर 2022 - आश्विन, कृष्ण षष्ठी
17 सितंबर 2022 - आश्विन, कृष्ण सप्तमी
18 सितंबर 2022 - आश्विन, कृष्ण अष्टमी
19 सितंबर 2022 - आश्विन, कृष्ण नवमी
20 सितंबर 2022 - आश्विन, कृष्ण दशमी
21 सितंबर 2022 - आश्विन, कृष्ण एकादशी
22 सितंबर 2022 - आश्विन, कृष्ण द्वादशी
23 सितंबर 2022 - आश्विन, कृष्ण त्रयोदशी
24 सितंबर 2022 - आश्विन, कृष्ण चतुर्दशी
25 सितंबर 2022 - आश्विन मास के कृष्ण अमावस्या तिथि सर्वपितृ अमावस्या