धर्म-अध्यात्म

Pitru Paksha 2024: पितरों की नाराजगी को न करें नजर अंदाज

Tara Tandi
15 Sep 2024 2:02 PM GMT
Pitru Paksha 2024: पितरों की नाराजगी को न करें नजर अंदाज
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Pitru Paksha 2024ज्योतिष न्यूज़ सनातन धर्म में पितृपक्ष का बड़ा ही महत्व होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार पितृपक्ष की शुरूआत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से होती है और आश्विन मास की अमावस्या तिथि पर खत्म हो जाता है। इस साल इसा प्रारंभ 17 सितंबर को होगा और 3 अक्टूबर को समापन। इस दौरान लोग अपने पितरों को याद कर उनके निमित्त तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान करते हैं। माना जाता है कि अगर पितृ नाराज हो जाए, तो जीवन काफी कष्टमयी हो जाता है। पितरों का नाराज होना जीवन में उथल-पुथल मचा सकता है। खुशहाल जीवन के लिए पितरों का हमेशा खुशहाल होना जरूरी है। इस बारे में जब लखनऊ के पंडित गोमती शंकर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कुछ ऐसे संकेत होते हैं जो पितरों की नराजगी को बताते हैं।
पितृपक्ष में श्राद्ध का महत्व
मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान हमारे पूर्वज धरती पर आते हैं। ऐसे में उन्हें प्रसन्न करने के लिए सभी प्रकार के अनुष्ठान करने चाहिए। जिससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जीवन से सभी तरह की परेशानियां दूर हो दाती हैं और सुख-समृद्धी आती है।
पितृ नाराजगी देती है संकेत
1. यदि आप कई दिनों से किसी काम को करने की सोच रहे हैं, लेकिन उसमें लगातार कोई न कोई बाधाएं आ रही हैं। मेहनत के बावजूद काम का सफल नहीं मिल पा रहा है तो इसका मतलब है कि पितृ आपसे नाराज हैं।
2. अगर आपके साथ या अपके परिवार के सदस्यों में से किसी के साथ अक्सर खाना खाते समय बार-बार बाल निकलता है, तो इसे कभी भी नजरअंदाज न करें। हिन्दू मान्यता के अनुसार यह पूर्वजों के नाराज होने की अहम निशानी है।
3. अगर आपके घर में बिना किसी वजह के काफी लड़ाई-झगड़ा और मनमुटाव रहता है। बेवजह घर के सदस्यों के बीच क्लेश होता रहता है तो ये भी पितृ दोष का एक कारण हो सकता है।
4. तीज-त्योहार या फिर शुभ कार्यों में किसी न किसी तरह से खलल पड़ना या फिर कोई अशुभ घटना हो जाना भी पितरों की नाराजगी का संकेत होता है। इसका मतलब है कि आपके पितृ आपसे असंतुष्ट हैं।
कैसे दूर करें नाराजगी
घर में पितरों की हंसती-मुस्कुराती तस्वीर लगानी चाहिए। इससे वे खुश होते हैं, लेकिन ध्यान रहे कि पितरों की तस्वीर घर की दक्षिण-पश्चिम दीवार या फिर किसी कोने में लगानी चाहिए। इससे आपको पितरों का खास आशीर्वाद मिलेगा। पितृपक्ष में पितरों का तर्पण, श्राद्ध या पिंडदान जरूर करें। पितरों की तिथि के अनुसार ब्राह्मणों को भोजन कराएं।
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