धर्म-अध्यात्म

15 मार्च को है मीन संक्रान्ति..... इसके साथ ही एक माह तक बंद हो जाएंगे शुभ काम

Bhumika Sahu
8 March 2022 5:08 AM GMT
15 मार्च को है मीन संक्रान्ति..... इसके साथ ही एक माह तक बंद हो जाएंगे शुभ काम
x
सूर्य जब मीन राशि में प्रवेश करते हैं, तो इसे मीन संक्रान्ति कहा जाता है. इसके बाद जब तक सूर्य मीन राशि में रहते हैं, तब तक खरमास चलता है और मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है. 15 मार्च को मीन संक्रान्ति है, इस मौके पर यहां जानिए मीन संक्रान्ति से जुड़ी खास बातें.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सूर्य देव (Surya Dev) हर माह में अपनी राशि बदलते हैं. सूर्य जिस राशि में प्रवेश करते है, उस राशि की संक्रान्ति शुरू हो जाती है. इस तरह कुल 12 संक्रान्ति होती हैं. 14 और 15 मार्च की रात को सूर्य कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे, इसी के साथ 15 मार्च को मीन संक्रान्ति (Meen Sankranti) मनाई जाएगी. फाल्गुन का महीना हिंदू कैलेंडर (Hindu Calendar) के हिसाब से आखिरी म​हीना है, इस हिसाब से मीन संक्रान्ति भी हिंदू वर्ष की आखिरी संक्रान्ति है. सूर्य के मीन में प्रवेश करने पर सूर्य के प्रभाव से बृहस्पति की सक्रियता कम हो जाती है, इस कारण मीन संक्रान्ति के साथ ही एक महीने के लिए खरमास लग जाता है. मीन राशि में सूर्य 14 अप्रैल की सुबह 08 बजकर 56 मिनट तक विराजमान रहेंगे. इसके बाद एक बार फिर सूर्य का राशि परिवर्तन होगा. इसी के साथ 14 अप्रैल के बाद से मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाएगी.

मीन संक्रान्ति का महत्व
मीन संक्रांति का शास्त्रों में विशेष महत्व बताया गया है. मीन संक्रांति से सूरज की गति उत्तरायण की ओर बढ़ने लगती है, इसी के साथ दिन बड़े होने लगते हैं और रात छोटी होने लगती है. शास्त्रों में उत्तरायण को देवताओं का समय बताया गया है. ऐसे में देव उपासना, ध्यान, दान, पुण्य, नदी स्नान, योग आदि का विशेष महत्व है. इसका कई गुणा पुण्य प्राप्त होता है. मीन संक्रान्ति के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान आदि करना चाहिए. अगर आप नदी स्नान कर सकें तो बहुत ही अच्छा है, वरना जल में गंगा जल मिलाकर स्नान कर सकते हैं. इसके बाद सूर्य देवता को अर्घ्य देकर उनका पूजन करना चाहिए. सूर्य पूजन के बाद तिल, वस्त्र और अनाज का दान करना चाहिए है. गाय को चारा खिलाना चाहिए.
इन कामों की है मनाही
– चूंकि मीन संक्रान्ति के बाद एक महीने के लिए मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है, ऐसे में कुछ कामों को नहीं करना चाहिए. जैसे
– इस समय विवाह न करें. माना जाता है कि खरमास के समय अगर विवाह किया जाए तो जीवन में कई तरह की परेशानियां आती हैं. न तो भावनात्मक सुख मिलता है और न ही शारीरिक सुख.
– इस समय नया बिजनेस शुरू नहीं करना चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने पर वो फलता नहीं है और आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है.
– कान छेदन और मुंडन जैसे कार्यों को भी निषेध बताया गया है. माना जाता है कि इसे करने से आपसी रिश्तों पर खराब असर पड़ता है.
– इस दौरान जमीन या मकान आदि न खरीदें, न ही गृह प्रवेश करें. ऐसा करने से उस मकान का सुख नसीब नहीं हो पाता.


Next Story