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Religion Spiritualityधर्म अध्यात्म: इस मास आषाढ़ अमावस्या 5 जुलाई यानी आज मनाई जा रही है। ऐसा माना जाता है कि इस अवसर पर पितरों की पूजा और उनका तर्पण अवश्य करना चाहिए। इससे उनकी आत्मा को मुक्ति मिल जाती है। इसके अलावा इस अवसर पर दान-पुण्य गंगा स्नान आदि कार्य करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन की सभी बाधाओं का अंत होता है। इसके साथ ही जीवन में हर्षी आती है। आषाढ़ अमावस्या माह में आने वाली अमावस्याNew Moon का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किसी भी प्रकार का शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। यद्यपि यह तिथि धार्मिक कार्य के लिए बहुत कल्याणकारी मानी जाती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, कालसर्प दोष, शनि दोष, गृह दोष निवारण, पितरों का तर्पण और दान आदि के लिए अच्छा माना जाता है, तो चलिए पितृ तर्पण कैसे करें क्या इसके विस्तार के बारे में पता होना चाहिए?पितृ पक्ष या फिर किसी भी अमावस्या तिथि पर पितरों का तर्पण करना चाहिए। तर्पण के लिए कुश, अक्षत, जौ और काले तिल का उपयोग किया जाता है। इसके बाद उनके प्रार्थनाPrayer मंत्र का जाप करना चाहिए। फिर उनका आशीर्वाद लेते हुए प्रार्थना करनी चाहिए। तर्पण के दौरान पूर्व दिशा की ओर मुख होना चाहिए। फिर जौ और कुश से ऋषियों के लिए तर्पण करें। इसके पश्चात उत्तर दिशा की ओर मुख करके जौ और कुश से मानव तर्पण करें। अंत में दक्षिण दिशा की ओर मुख करके काले तिल और कुश से पितरों का तर्पण करें। पूजा में हुई गलती के लिए क्षमायाचना करें।