धर्म-अध्यात्म

इन राशि के लोगो को होगा धन- लाभ, आज जरूर करें ये उपाय

Shiddhant Shriwas
2 Oct 2021 2:11 AM GMT
इन राशि के लोगो को होगा धन- लाभ, आज जरूर करें ये उपाय
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आज इंदिरा एकादशी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज इंदिरा एकादशी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस पावन दिन विधि- विधान से भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना की जाती है। भगवान विष्णु की कृपा से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। जिस व्यक्ति पर भगवान विष्णु की कृपा होती है, उस पर मां लक्ष्मी की भी विशेष कृपा रहती है। मां लक्ष्मी धन की देवी हैं और भगवान विष्णु की अर्धांगिनी हैं। माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए माता लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की पूजा जरूर करें। एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का अधिक से अधिक ध्यान करें और भगवान को भोग अवश्य लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। इस पावन दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती जरूर करें। भगवान की आरती करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। आगे पढ़ें भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती...

भगवान विष्णु जी की आरती...
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।
भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥
जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।
सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय...॥
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ ॐ जय...॥
तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी॥
पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय...॥
तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ॐ जय...॥
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय...॥
दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ॐ जय...॥
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥ ॐ जय...॥
तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥ ॐ जय...॥
जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय...॥
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माता लक्ष्मी की आरती
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन * सेवत हरि विष्णु विधाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन सेवत,
मैया जी को निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2


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