धर्म-अध्यात्म

अंतर्मुखी और अनुशासित होते हैं मेष लग्न के लोग, सोच समझ कर करते हैं खरीदारी

Tulsi Rao
6 May 2022 6:33 AM GMT
अंतर्मुखी और अनुशासित होते हैं मेष लग्न के लोग, सोच समझ कर करते हैं खरीदारी
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क | Horoscope Ascendant (Aries Mesha Lagna): जातक के लग्न का उसके व्यक्तिव निर्धारण में निर्णयकारी योगदान होता है. आज से क्रमवार हर लग्न के गुणों के विषय में चर्चा करेंगे. आज पहली लग्न मेष को विस्तार से समझते है. आमतौर पर लोगों में लग्न और राशि को लेकर थोड़ा भ्रम हो जाता है. हर कुंडली में एक लग्न और चंद्र राशि होती है. लग्न काफी सूक्ष्म है, यानी कि आत्मा. जिस व्यक्ति की जो लग्न होती है उसका आत्मिक स्वभाव भी वैसा ही होता है.

क्रूर राशि होती है मेष
मेष राशि की गणना क्रूर राशियों में होती है. यह राशि पूर्व दिशा की स्वामी है तथा पुरुष राशि का फल देती है. मेष राशि अग्नि तत्व की राशि है और पीठ की ओर से इसका उदय होता है इसलिए इसको पृष्ठोदय राशि कहते है. मेष लग्न के लोगों की आंखें गोल होती हैं उनके घुटने कमजोर होते हैं. इस लग्न के लोगों को पानी से हमेशा सावधान रहना चाहिए, कभी पानी से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए. इस लग्न में पैदा हुआ जातक घूमने का बहुत शौकीन होता है. इस लग्न वालों का स्वामी मंगल होता है. यह लग्न मिलने का अर्थ होता है कि आप पर हनुमान जी बहुत प्रसन्न हैं. इस लग्न वाले जातक के लिए लाल रंग बहुत शुभ होता है. जिन लोगों का जन्म इस लग्न में होता है, उन पर हमेशा बजरंगबली की कृपा बनी रहती है.
अंतर्मुखी और अनुशासित होते हैं मेष लग्न के लोग
मेष लग्न का व्यक्ति अंतर्मुखी होता है. इन्हें गुस्सा कम आता है लेकिन जब इनको गुस्सा आता है तो जल्दी नहीं उतरता है. इस लग्न के व्यक्तियों से भगवान सूर्य और देवगुरु बृहस्पति प्रसन्न रहते हैं. सूर्य का आत्मा, पिता के साथ-साथ संतान और मस्तिष्क का भी स्वामित्व प्राप्त होता है. अतः मेष लग्न के व्यक्ति सदैव नियम और आलस्य रहित होकर काम करते हैं. अश्विन के चार चरण, भरणी के चार चरण और कृतिका के प्रथम चरण से यह राशि बनी है. ऐसा जातक बहुत जिद्दी स्वभाव का होता है, अगर वह कोई काम करने की ठान ले तो उसे करके की रहता है. बाहर से हो सकता है कि ऐसा लगे कि उसने ठाने हुए काम को करने का विचार छोड़ दिया है परंतु भीतर ही भीतर वह अपने काम को करने का जुगाड़ करता रहता है.
सोच समझ कर करते हैं खरीदारी
इनमें धैर्य बहुत होता है. वे कोई भी काम को बहुत जल्दी में नहीं करते हैं. वे खरीदारी काफी सोच-समझ कर करते हैं. मेष लग्न के व्यक्ति धैर्य की वजह से हारी बाजी जीत सकता है. इनमें ऊर्जा की अधिकता होती है. लेकिन अगर कुंडली में सूर्य गड़बड़ा जाए तो धैर्य और ऊर्जा में कमी हो जाती है. जब तक सूर्य अच्छा नहीं होगा तब तक ऐसे जातकों की बुद्धि प्रखर नहीं होगी क्योंकि सूर्य बुद्धि के घर का मालिक होता है. इस लग्न में कर्म और लाभ का स्वामी शनि गड़बड़ा जाए तो कर्म और लाभ में कमी करेगा ही साथ में जातक की समझदारी भी कम कर देगा. इस लग्न का जातक बड़ा उद्यमी, पराक्रमी और साहसी होता है. उसकी अपनी स्वच्छंद विचारधारा होती है.
जल्दी नहीं भूलते कोई बात
मेष लग्न वाले के अंदर एक बात खास यह होती है कि वह भूलता बहुत कम है. अगर उसका किसी से झगड़ा हो जाए तो वह उसे याद रखता है और मौका मिलने पर उससे बदला जरूर लेता है. पंचम भाव में सिंह राशि होने के कारण वहां का स्वामी ग्रह सूर्य होता है, इसलिए ऐसे लोगों की मानसिक रूप से राज करने की प्रबल इच्छा होती है. यह अपनी जुबान खाली जाने पर बहुत नाराज होते है और अपनी बात के आगे न सुनने के आदि नहीं होते हैं.
मौका मिले तो फायदा उठाने से नहीं चूकते
एक बात और है कि मेष जातक अपनी तकलीफ जल्दी किसी को बताते नहीं हैं. जब भी इन्हें जब लाभ का अवसर मिलता है, ये तुरंत उसका फायदा उठाते हैं. इस लग्न वालों के लिए लग्न का स्वामी मंगल, बुद्धि का स्वामी सूर्य और भाग्य का स्वामी गुरु सदैव शुभ फल ही देते हैं. इस लग्न के व्यक्ति को शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए सोने या तांबे में मंगलवार को मूंगा, बुद्धि और संतान की प्रगति के लिए रविवार को तांबे या सोने में माणिक्य और भाग्य के लिए गुरुवार को सोने में पुखराज धारण करना चाहिए.
रखें मंगलवार का व्रत, करें हनुमान जी की पूजा
अगर इस लग्न का व्यक्ति व्रत रखना चाहता हो तो उसे मंगलवार का व्रत रखना चाहिए. प्रत्येक मंगलवार को हनुमान जी के दर्शन और हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए. अन्य ग्रहों की स्थिति ठीक-ठाक हो तो जातक इंजीनियर बन सकता है. यदि लग्न का नक्षत्र अश्विनी हो तो ऐसे जातक का चिकित्सा शास्त्र में काफी रुझान रहता है और वह डॉक्टर आदि भी बन सकता है. इस लग्न वालों के लिए सबसे घातक शुक्र होता है. सप्तम में तुला और द्वितीय भाव में वृष दोनों के स्वामी शुक्र ही होने की वजह से पूर्ण मारकेश बनता है. इसलिए इस लग्न वाले के लिए शुक्र प्राणों को हरने वाला बताया गया है.


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