धर्म-अध्यात्म

शीतला माता पर लोगों का अटूट विश्वास, जानें मंदिर का इतिहास

Ritisha Jaiswal
23 Aug 2022 10:42 AM GMT
शीतला माता पर लोगों का अटूट विश्वास, जानें मंदिर का इतिहास
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देवों की भूमि उत्तराखंड में कई ऐतिहासिक और लोकप्रिय धार्मिक स्थल स्थित हैं. इन धार्मिक स्थलों में लोगों की गहरी आस्था है

देवों की भूमि उत्तराखंड में कई ऐतिहासिक और लोकप्रिय धार्मिक स्थल स्थित हैं. इन धार्मिक स्थलों में लोगों की गहरी आस्था है. आज हम आपको उत्तराखंड के ऐसे ही एक प्रसिद्ध मां शीतला देवी मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं. यह ऐतिहासिक धार्मिक स्थल नैनीताल जिले के हल्द्वानी में काठगोदाम स्थित उच्च चोटी पर है. मां शीतला देवी मंदिर क्षेत्र में रहने वाले लोगों की आस्था का केंद्र है. माता शीतला को मां दुर्गा का अवतार भी माना जाता है. यहां माता के दर्शन करने के लिए स्थानीय लोग ही नहीं बल्कि दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पैदल यात्रा कर भी पहुंचते हैं. माता शीतला का मंदिर बहुत ही आकर्षक मंदिर है. इसके आसपास का वातावरण भी श्रद्धालुओं को काफी भाता हैं. मां शीतला को चेचक आदि कई रोगों की देवी बताया गया है.

शीतला मंदिर को लेकर एक कथा बहुत ही प्रचलित है. कथा के अनुसार भीमताल के पांडे लोग अपने गांव में माता शीतला का मंदिर बनाना चाहते थे. इसके लिए गांव के लोग बनारस से माता की मूर्ति लेकर आ रहे थे, इस स्थान पर पहुंचने तक शाम हो गई और उन्होंने इसी स्थान पर रात को विश्राम किया. कहा जाता है कि उनमें से एक व्यक्ति को माता ने रात में सपने में दर्शन दिए और यहीं पर मूर्ति स्थापित करने की बात कही. जब उस व्यक्ति ने सुबह अपने साथियों को सपने के बारे में बताया तो उन्हें पहले तो यकीन नहीं हुआ, लेकिन जब लोगों ने मूर्ति उठाने की कोशिश की तो वह मूर्ति उठा नहीं पाए. इसके बाद पांडे लोगों ने मूर्ति का यहीं स्थापित कर दिया. नवरात्र में मां के मंदिर में भक्तों की विशाल भीड़ उमड़ पड़ती है.
मां करती हैं सभी की मुराद पूरी
वहीं, मंदिर समिति के अध्यक्ष सचिन शाह का कहना है कि माता के प्रति लोगों का अटूट विश्वास है और जो भी मंदिर में सच्चे मन से मुराद मांगता है, माता उनकी मुरादें जरूर पूरी करती हैं. नवरात्र में यहां लाखों की संख्या में लोग माता के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं.
कैसे पहुंचें शीतला माता मंदिर
शीतला माता का मंदिर हल्द्वानी से लगभग 8 किलोमीटर दूर स्थित है. इस दूरी को श्रद्धालु पैदल या वाहन की मदद से तय कर सकते हैं. हल्द्वानी से नजदीकी रेलवे स्टेशन लगभग 8 किलोमीटर दूर काठगोदाम में स्थित है. बता दें कि हल्द्वानी बसों के माध्यम से प्रदेश के कई बड़े शहरों से सीधा जुड़ा हुआ है.


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