धर्म-अध्यात्म

पौष पुत्रदा एकादशी के व्रत से होती है संतान प्राप्ति, जानें पूजा की सही विधि

Tulsi Rao
6 Jan 2022 10:44 AM GMT
पौष पुत्रदा एकादशी के व्रत से होती है संतान प्राप्ति, जानें पूजा की सही विधि
x
हिंदू धर्म में एकादशी के व्रत (Ekadashi Vrat) का विशेष महत्व है. नए साल की पहली एकादशी 13 जनवरी के दिन पड़ रही है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Putrada Ekadashi 2022: हिंदू धर्म में एकादशी के व्रत (Ekadashi Vrat) का विशेष महत्व है. नए साल की पहली एकादशी 13 जनवरी के दिन पड़ रही है. 13 जनवरी को पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी है. इसे पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi 2022) के नाम से जाना जाता है. इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु (Shri Hari Vishnu Ji) और माता लक्ष्मी की पूजा-उपासना (Maa Lakshmi Puja) की जाती है. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से दंपत्ति को संतान की प्राप्ति होती है. इसलिए संतान प्राप्ति की कामना करने वाले साधकों को पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत (Putrada Ekadashi Vrat) अवश्य रखना चाहिए.

पुत्रदा एकादशी तिथि (Putrada Ekadashi Tithi)
पंचाग के अनुसार पौष पुत्रदा एकादशी (Putrda Ekadashi 2022) की तिथि 12 जनवरी शाम 04 बजकर 49 मिनट पर शुरू होगी और 13 जनवरी शाम 7 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी. व्रती 13 जनवरी को दिन के किसी भी समय भगवान विष्णु जी और मां लक्ष्मी की पूजा की जा सकती है. जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और संतान सुख पाने के लिए पुत्रदा एकादशी के दिन ये सरल उपाय (Putrada Ekadashi Upay) जरूर करें. आइए जानते हैं
- घर में किसी व्यक्ति या पुत्र के बीमार होने पर पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान श्रीहरि विष्णु मंदिर जाकर गेंहू या चावल चढ़ाएं. इसके बाद इस अन्न को मंदिर में उपस्थित ब्राह्मण या मंदिर परिसर में उपस्थित लोगों को दान करें. ऐसा करने से घर में मौजूद परेशानियों का अंत हो जाता है.
- किसी पुरानी समस्या से लगातार लड़ रहे हैं और कोई हल नहीं निकल रहा तो एकादशी के दिन संध्याकाल में पीपल वृक्ष की पूजा और आरती करें. ऐसा करने से सालों पुरानी समस्या से निजात मिलेगा.
- आर्थिक समस्या से जूझने की स्थिति में एकादशी के दिन तुलसी के पौधे की जड़ में शुद्ध घी का दीया जलाएं और तुलसी जी की आरती करें. ऐसा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है.
- संतान प्राप्ति के लिए पुत्रदा एकादशी के दिन वैवाहिक दंपत्ति भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-उपासना करें. श्री कृष्ण को लड्डू अर्पित करें. इतना ही नहीं, तुलसी युक्त पंचामृत से भगवान को स्नान कराएं. पूजा आरती करने के बाद भगवान से संतान प्राप्ति की कामना करें.
- पुत्रदा एकादशी के दिन स्नान ध्यान से निवृत होकर पीले वस्त्र धारण करें. भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा पीले फल, पुष्प, धूप, दीप, अक्षत, पान-सुपारी आदि से करें.


Next Story