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हिंदू धर्म में कई सारे व्रत किए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता हैं लेकिन एकादशी व्रत इन सभी में श्रेष्ठ मानी गई हैं जो कि हर माह के दोनों पक्षों में मनाई जाती हैं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी की तिथि जगत के पालनहार श्री नारायण की प्रिय तिथियों में से एक हैं।
इस दिन भक्त भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं अभी सावन अधिक मास चल रहा हैं और इस माह पड़ने वाली एकादशी को अधिकमास की परमा एकादशी के नाम से जाना जाता हैं जो कि तीन साल में एक बार आती हैं यही कारण हैं कि इस व्रत को करने से साधक को तीन गुना फल की प्राप्ति होती हैं।
अधिक मास की परमा एकादशी का व्रत इस साल 12 अगस्त दिन शनिवार यानी की कल किया जाएगा। इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से साधक के जीवन के दुखों का अंत हो जाता हैं और मोक्ष मिलता हैं, तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा परमा एकादशी की पूजा विधि बता रहे हैं।
परमा एकादशी की संपूर्ण पूजा विधि—
आपको बता दें कि अधिक मास की परमा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद घर व पूजन स्थल की साफ सफाई करें और पूजन स्थल को गंगाजल से शुद्ध कर भगवान विष्णु की पूजा करें फिर निर्जला उपवास रखने का संकल्प लें और विष्णु पुराण का पाठ करें। रात्रि में भगवान विष्णु और शिव की पूजा जरूर करें आरंभिक प्रहर में नारियल, दूसरे प्रहर में बेल और तीसरे पहर में सीताफल वही चौथे और आखिरी पहर में नारंगी व सुपारी भगवान विष्णु को अर्पित करें। पूजन के बाद व्रत की समाप्ति करें।
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