धर्म-अध्यात्म

4 जून 2022 का पंचांग: शनिवार को पुष्य नक्षत्र होने से बनेगा मित्र योग, ये है राहुकाल का समय

Bhumika Sahu
4 Jun 2022 5:27 AM GMT
4 जून 2022 का पंचांग: शनिवार को पुष्य नक्षत्र होने से बनेगा मित्र योग, ये है राहुकाल का समय
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पंचांग वैदिक काल से ही सनातन धर्म में काल गणना का एक प्रमुख अंग रहा है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उज्जैन. पंचांग वैदिक काल से ही सनातन धर्म में काल गणना का एक प्रमुख अंग रहा है। वैसे तो हमारे देश में कई तरह के पंचांग प्रचलित हैं। इनमें से विक्रम पंचांग सबसे प्रमुख है। वेद, पुराण और अन्य ग्रंथों में सूर्य, चंद्रमा, पृथ्वी व अन्य ग्रहों के साथ ही और नक्षत्र आदि की स्थिति, दूरी और गति के बारे में बताया गया है। स्थिति, दूरी और गति के मान से ही पृथ्वी पर होने वाले दिन-रात और अन्य संधिकाल को विभाजित कर एक पूर्ण सटीक पंचांग बनाया जाता है। पंचांग के अनुसार, तिथि को तारीख या दिनांक कहते हैं। अन्य तारीख और तिथि में फर्क यह है कि यह दिन या रात में कभी भी शुरू हो सकती है। इसका संबंध चन्द्र के नक्षत्र में भ्रमण से होता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार माह के 30 दिन को चन्द्र कला के आधार पर 15-15 दिन के 2 पक्षों में बांटा गया है- शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। आगे जानिए आज के पंचांग से जुड़ी खास बातें…

4 जून का पंचांग (Aaj Ka Panchang 4 June 2022)
4 जून 2022, दिन शनिवार को ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि रहेगी। शनिवार को सूर्योदय पुष्य नक्षत्र में होगा, जो पूरे दिन रहेगा। शनिवार को पुष्य नक्षत्र होने से मित्र नाम का शुभ योग इस दिन बन रहा है। शनि-पुष्य का योग ज्योतिष शास्त्र में बहुत ही शुभ बताया गया है। इस शुभ योग में शनिदेव को प्रसन्न करने के उपाय किए जा सकते हैं। इस दिन राहुकाल सुबह 09:04 AM से 10:45 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।
ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार से होगी...
शनिवार को बुध ग्रह वृषभ राशि में रहते हुए अपनी चाल बदलकर वक्री से मार्गी हो जाएगा यानी सीधी चाल चलने लगेगा। इस दिन चंद्रमा कर्क राशि में, सूर्य वृषभ राशि में, राहु मेष राशि में, केतु तुला राशि में, मंगल, गुरु और शु्क्र मीन में और शनि कुंभ राशि में रहेंगे। शनिवार को पूर्व दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए। पूर्व दिशा में यात्रा करना पड़े तो अदरक, उड़द या तिल खाकर घर से निकलें।
4 जून के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रमी संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- ज्येष्ठ
पक्ष- शुक्ल
दिन- शनिवार
ऋतु- ग्रीष्म
नक्षत्र- पुष्य
करण- बव और बालव
सूर्योदय - 5:44 AM
सूर्यास्त - 7:05 PM
चन्द्रोदय - 9:25 AM
चन्द्रास्त - 11:16 PM
अभिजीत मुहूर्त - 11:58 AM - 12:51 PM
4 जून का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 2:05 PM – 3:45 PM
कुलिक - 5:44 AM – 7:24 AM
दुर्मुहूर्त - 07:31 AM – 08:24 AM
वर्ज्यम् - 12:03 PM – 01:49 PM
इस समय चल रहा है राक्षस संवत्सर
पंचांग के अनुसार, वर्तमान कल्प का नाम श्वेतवाराहकल्प हैं। वर्तमान सातवें वैवस्वत मन्वन्तर के 27 चतुर्युग बीत चुके हैं व इस समय 28 वे चतुर्युग में सत्य, त्रेता, द्वापर युग के बीतने के बाद कलियुग का संध्याकाल चल रहा है। विक्रम संवंत् 2079 तक कलियुग के 5124 वर्ष बीत चुके हैं। कलियुग के आरंभ में 36000 वर्ष संध्याकाल का मान होता है। इस हिसाब से अभी कलियुग की संध्या के ही 30876 सौर वर्ष बीतने बाकी हैं। पंचांग के अनुसार इस समय राक्षस संवत्सर चल रहा है जो शिवविंशति के अंतर्गत नवम संवत्सर है।


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