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सावन का पवित्र महीना शुरू हो चुका है. सावन का महीना भगवान शिव को बहुत प्रिय है. इस बार सावन की पहली समोवरी 10 जुलाई को पड़ रही है. इस दौरान सावन के पहले सोमवार को पंचक भी लगने वाला है. आपको बता दें कि इस बार सावन में बेहद शुभ संयोग बनने जा रहे हैं. इस बार सावन में कुल आठ सोमवार पड़ने वाले हैं. यदि सावन के पहले दिन पंचक लग रहा हो तो मन में सवाल उठता है कि क्या इस दिन रुद्राभिषेक किया जा सकता है. आइए जानते हैं सावन के पहले सोमवारी पर रुद्राभिषेक करने का शुभ समय और जरूरी बातें.
सावन के पहले सोमवार पर पंचक का समय (Sawan First Somwar 2023)
पंचक 10 जुलाई सोमवार को शाम 6 बजकर 59 मिनट पर समाप्त होगा. इस बार सावन में कुल 8 सोमवार पड़ने वाले हैं. पहला 10 जुलाई, सावन का दूसरा सोमवार 17 जुलाई, तीसरा सोमवार 24 जुलाई, चौथा सोमवार 31 जुलाई, पांचवां सावन सोमवार 7 अगस्त, छठा सावन सोमवार 14 अगस्त, सातवां सावन सोमवार 21 अगस्त, आठवां सावन सोमवार 28 अगस्त.
सावन के पहले सोमवार पर रुद्राभिषेक का समय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी पंचक या भद्राकाल लगता है तो उस दौरान पूजा करने और कोई भी शुभ कार्य करने पर रोक लग जाता है. भगवान शिव कालों के महाकाल हैं. सभी ग्रह-नक्षत्र उनके अधीन कार्य करते हैं. इसलिए आप बिना कुछ सोचे इस पूरे दिन व्रत और शिव की पूजा कर सकते हैं. इसलिए इस दिन पंचक होने से कोई परेशानी नहीं है.
रुद्राभिषेक के नियम
शिव मंदिर जाकर भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना उत्तम है.
अगर आप मंदिर नहीं जाते हैं तो आपके लिए सबसे अच्छा रहेगा कि आप अपने घर के मंदिर में ही रुद्राभिषेक करें.
यदि आप केवल जल से रुद्राभिषेक कर रहे हैं तो ध्यान रखें कि आप तांबे के बर्तन का ही प्रयोग करें.
वहीं, रुद्राभिषेक के दौरान रुद्राष्टाध्यायी के मंत्रों का जाप आपके लिए फलदायी रहेगा.
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