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"जैसी करनी वैसा फल आज नहीं तो निश्चित कल" शनिदेव वर्तमान में कुंभ राशि में गोचर करते हुए ऐसी लोकोक्ति को चरितार्थ करने जा रहे हैं क्योंकि न्यायाधीश शनि देव अपनी राशि कुंभ में गोचर आरंभ करके संपूर्ण चराचर जगत पर अपना प्रभाव स्थापित करने जा रहे हैं ।अर्थात व्यक्ति का कर्म जैसा होगा उसी प्रकार का फल उसे प्राप्त होता है। ग्रहों में फल प्रदायक ग्रह कोई और नहीं अपितु शनि देव ही है । व्यक्ति के कर्म के अनुसार फल प्रदान करते हैं यदि व्यक्ति अपने जीवन में शुभ कर्म करता है तो उसे शुभ फलों की प्राप्ति होती है। वही व्यक्ति जब गलत कर्म करता है तो उसे अपनी साढ़ेसाती, ढैया या महादशा में कर्म के अनुसार फल और प्रदान अवश्य करते हैं। शनिदेव की तीन स्थिति अत्यंत महत्वपूर्ण होती है जब ये नीच राशि मेष मे होते हैं, जब तुला राशि में गोचर करते हैं तथा जब ये अपनी राशि मकर व कुम्भ में होते है। मूल कुंडली में जिस स्थिति में होते हैं उसी प्रकार का फल प्रदान करते हैं वर्तमान में 28 अप्रैल 2022 दिन गुरुवार से अपनी पहली राशि मकर से दूसरी राशि कुंभ में प्रवेश कर गए है। ऐसे में लगभग 30 माह तक मार्गी एवं वक्री गति से गोचर करते हुए अपना प्रभाव चराचर जगत पर स्थापित करेंगे इसी क्रम में कुम्भ एवं मीन लग्न एवं राशि को किस प्रकार प्रभावित करेंगे विस्तृत रूप से जानेंगे।