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- इस दिन पड़ेगी अधिक मास...
सनातन धर्म में एकादशी का अत्यधिक महत्व है। एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। अधिक मास चल रहा है इस माह में पड़ने वाली पद्मिनी एकादशी का विशेष महत्व होता है।
पद्मिनी एकादशी का विशेष महत्व इसलिए होता है क्योंकि यह एकादशी अधिक मास में ही पड़ती है। कहा जाता है कि मलमास में आने वाली पद्मिनी एकादशी का व्रत और पूजन करने से दोगुना फल व पूरे एक साल की एकादशी का पुण्य प्राप्त होता है। तो आइये जानते हैं कब पड़ेगी अधिक मास ही पद्मिनी एकादशी…
पद्मिनी एकादशी तिथि
पंचांग के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 28 जुलाई 2023, दिन शुक्रवार को दोपहर 02 बजकर 51 मिनट पर शुरू हो रही है। इसका समापन 29 जुलाई शनिवार को दोपहर 01 बजकर 05 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार पद्मिनी एकादशी का व्रत 29 जुलाई, दिन शनिवार को रखा जाएगा।
पद्मिनी एकादशी पूजा मुहूर्त
पद्मिनी एकादशी के दिन पूजा का मुहूर्त आरंभ: सुबह 7 बजकर 22 मिनट
पद्मिनी एकादशी के दिन पूजा का मुहूर्त समापन: सुबह 9 बजकर 4 मिनट
पद्मिनी एकादशी व्रत विधि
पद्मिनी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर सूर्यदेव को अर्घ्य दें। फिर भगवान विष्णु की पूजा-आराधना करें। ब्राह्मण को फलाहार का भोजन करवायें और उन्हें दक्षिणा दें। इस दिन एकादशी व्रत कथा सुनें। भगवान के भजन या मंत्रों का पाठ करें। एकादशी व्रत द्वादशी के दिन पारण मुहूर्त में खोलें।
पद्मिनी एकादशी का महत्तव
पद्मिनी एकादशी का अत्याधिक महत्तव इसलिए है क्योकि यह एकादशी हर तीन साल के अंतराल में आती है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह एकादशी अधिक मास में पड़ती है। अधिक मास में आने के कारण इस एकादशी का फल दोगुना मिलता है। पद्मिनी एकादशी व्रत करने से संतान, यश और वैकुंठ की प्राप्ति होती है।