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शुक्र का रत्न माना जाता है ओपल, पति-पत्नी का झगड़ा होता है खत्म
ज्योतिष शास्त्र में ग्रह के लिए अलग-अलग रत्नों के बारे में विस्तार से बताया गया है. ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि रत्नों का जीवन पर खास असर होता है. इसके अलावा ये रत्न ग्रह को मजबूत करते हैं जिससे कई अन्य लाभ भी होते हैं. यही कारण है कि ज्योतिष के जानकार ग्रहों के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए रत्न धारण करने की सलाह देते हैं. दांमपत्य जीवन की परेशानियों को दूर करने के लिए ओपल रत्न कारगर माना जाता है. आइए जानते हैं ओपल रत्न के लाभ और इसे धारण करने की सही विधि.
ओपल धारण करने की विधि
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, ओपल किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के शुक्रवार के दिन धारण कर सकते हैं. इस दिन इसे अनामिका (रिंग फिंगर) अंगुली में धारण करना चाहिए. इस रत्न को धारण करने से पहले इसे कच्चे दूध और गंगाजल से शुद्ध कर लेना चाहिए. इसके बाद इसे सफेद कपड़े पर रखकर 'ओम् द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:' इस मंत्र का जाप करना चाहिए. अगर पति-पत्नी के बीच अनावश्यक कलह-क्लेश की स्थिति बनी रहती है या फिर तलाक की स्थिति आने लगी हो, तो पति-पत्नी को ओपल रत्न धारण करना चाहिए. ऐसा करने से पति-पत्नी का संबंध मधुर रहता है.
मानसिक स्तर भी रहता है अच्छा
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक ओपल शुक्र का रत्न है. इसे धारण करने से सौंदर्य और आकर्षण की वृद्धि होती है. साथ ही इस रत्न के प्रभाव से मानसिक स्तर भी अच्छा रहता है. इसके अलावा जो व्यक्ति निराश और थका हुआ महसूस करता है, उसे ओपल पहनना चाहिए. इसे धारण करने से व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है.