धर्म-अध्यात्म

दुर्गा चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को होता है आध्यात्मिक अनुभूति

Ritisha Jaiswal
3 April 2022 3:28 PM GMT
दुर्गा चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को होता है आध्यात्मिक अनुभूति
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अप्रैल से शुरू हुई चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) 11 अप्रैल 2022 तक मनाई जाएगी. इस दौरान भक्तगण मां भगवती की पूरी श्रद्धा भाव से पूजा (Puja) अर्चना करते हैं.

अप्रैल से शुरू हुई चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) 11 अप्रैल 2022 तक मनाई जाएगी. इस दौरान भक्तगण मां भगवती की पूरी श्रद्धा भाव से पूजा (Puja) अर्चना करते हैं. हिंदू धर्म में चैत्र व शारदीय नवरात्रि का काफी महत्व है. कहते हैं इस समय माता रानी खुद अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए उनके घरों में विराजमान होती है. नवरात्रि के 9 दिन भक्त पूरे श्रद्धा भाव से मां की आराधना में व्रत (Fast) रखते हैं, और अपनी हर मनोकामना पूरी करने का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. आप भी अपनी हर मनोकामना पूरी करना चाहते हैं और मां दुर्गा का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो नवरात्रि के पूरे 9 दिन भक्ति भाव से दुर्गा चालीसा का पाठ जरूर करें. आइए जानते हैं दुर्गा चालीसा का पाठ करने से क्या कुछ लाभ होते हैं.

दुर्गा चालीसा
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो अंबे दुःख हरनी॥
निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूं लोक फैली उजियारी॥
शशि ललाट मुख महाविशाला। नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥
रूप मातु को अधिक सुहावे। दरश करत जन अति सुख पावे॥
तुम संसार शक्ति लै कीना। पालन हेतु अन्न धन दीना॥
अन्नपूर्णा हुई जग पाला। तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥
प्रलयकाल सब नाशन हारी। तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥
शिव योगी तुम्हरे गुण गावें। ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥
धरयो रूप नरसिंह को अम्बा। परगट भई फाड़कर खम्बा॥
रक्षा करि प्रह्लाद बचायो। हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो॥
लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं। श्री नारायण अंग समाहीं॥
क्षीरसिन्धु में करत विलासा। दयासिन्धु दीजै मन आसा॥
हिंगलाज में तुम्हीं भवानी। महिमा अमित न जात बखानी॥
मातंगी अरु धूमावति माता। भुवनेश्वरी बगला सुख दाता॥
श्री भैरव तारा जग तारिणी। छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी॥
केहरि वाहन सोह भवानी। लांगुर वीर चलत अगवानी॥
कर में खप्पर खड्ग विराजै। जाको देख काल डर भाजै॥
सोहै अस्त्र और त्रिशूला। जाते उठत शत्रु हिय शूला॥
नगरकोट में तुम्हीं विराजत। तिहुँलोक में डंका बाजत॥
शुंभ निशुंभ दानव तुम मारे। रक्तबीज शंखन संहारे॥
महिषासुर नृप अति अभिमानी। जेहि अघ भार मही अकुलानी॥
रूप कराल कालिका धारा। सेन सहित तुम तिहि संहारा॥
परी गाढ़ सन्तन पर जब जब। भई सहाय मातु तुम तब तब॥
ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी। तुम्हें सदा पूजें नर-नारी॥
प्रेम भक्ति से जो यश गावें। दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें॥
ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई। जन्म-मरण ताकौ छुटि जाई॥
जोगी सुर मुनि कहत पुकारी। योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी॥
शंकर अचरज तप कीनो। काम क्रोध जीति सब लीनो॥
निशिदिन ध्यान धरो शंकर को। काहु काल नहिं सुमिरो तुमको॥
शक्ति रूप का मरम न पायो। शक्ति गई तब मन पछितायो॥
शरणागत हुई कीर्ति बखानी। जय जय जय जगदम्ब भवानी॥
भई प्रसन्न आदि जगदम्बा। दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा॥
मोको मातु कष्ट अति घेरो। तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो॥
आशा तृष्णा निपट सतावें। रिपु मुरख मोही डरपावे॥
शत्रु नाश कीजै महारानी। सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी॥
करो कृपा हे मातु दयाला। ऋद्धि-सिद्धि दै करहु निहाला।
जब लगि जियऊं दया फल पाऊं। तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊं॥
श्री दुर्गा चालीसा जो कोई गावै। सब सुख भोग परमपद पावै॥
देवीदास शरण निज जानी। करहु कृपा जगदम्ब भवानी॥
॥ इति श्रीदुर्गा चालीसा सम्पूर्ण ॥
दुर्गा चालीसा पाठ के फायदे
-नवरात्रि में प्रतिदिन दुर्गा चालीसा का पाठ करने से शरीर में पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है और दुश्मनों को पराजित करने की शक्ति बढ़ती है.
-दुर्गा चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को मान मर्यादा और प्रतिष्ठा पुनः प्राप्त होती है. इसके अलावा मन से नकारात्मक विचार दूर होते हैं.
-अवसर कोई भी हो दुर्गा चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक अनुभूति होती है.
-बड़े-बड़े ऋषि मुनि भी मन को शांत बनाए रखने के लिए दुर्गा चालीसा का पाठ करते हैं. आप भी मानसिक शांति चाहते हैं तो दुर्गा चालीसा का पाठ करें.
-नवरात्रि के 9 दिन दुर्गा चालीसा का पाठ करने से परिवार का वित्तीय संकट टल जाता है और घर में सुख समृद्धि आती है.
-जो व्यक्ति नवरात्रि के नौ दिन दुर्गा चालीसा का पाठ करता है. मां दुर्गा उन पर अपना आशीर्वाद बनाती है उन्हें किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होती. साथ ही उनकी हर मनोकामना भी पूरी होती है.
-दुर्गा चालीसा पाठ करने से मनुष्य स्वस्थ रहता है और दीर्घायु होता है


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