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धर्म-अध्यात्म
एक करोड़ शिवलिंग: दक्षिण भारत का यह मंदिर है बेहद खास,जाने इसकी इतिहास
Deepa Sahu
20 Feb 2021 5:39 PM GMT
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एक करोड़ शिवलिंग: दक्षिण भारत का यह मंदिर है बेहद खास,जाने इसकी इतिहास
एक करोड़ शिवलिंग स्थापित करने का है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: एक करोड़ शिवलिंग स्थापित करने का है लक्ष्य हमारे देश में सभी देवी देवताओं के अनोखे और बेहद खास मंदिर कई स्थानों पर स्थापित हैं। सभी मंदिरों में कोई न कोई अनूठी बात जरूर देखने को मिलती है। दक्षिण भारत में ऐसा ही अपने आप में एक अनोखा मंदिर है कोटिलिंगेश्वर। जैसा कि नाम से ही लग रहा है एक करोड़ शिवलिंग। एक करोड़ शिवलिंग स्थापित करने की अनूठी पहल के तहत इस मंदिर का निर्माण किया गया है और यहां अब तक लाखों शिवलिंग की स्थापना हो चुकी है। माना जाता है कि यहां आकर मनोकामना पूरी होने पर भक्त भी अपना शिवलिंग स्थापित करवा सकते हैं। आइए जानते हैं इस मंदिर से जुड़ी पौराणिक मान्यताएं और अन्य खास बातें…
पौराणिक मान्यता
यहां के बारे में ऐसा बताया जाता है कि देवराज इंद्र ने गौतम ऋषि के शाप से मुक्त होने के लिए यहां पर शिवलिंग की स्थापना की थी और फिर अभिषेक करवाया था। यह मंदिर कर्नाटक में कोल्लार जिले के काम्मासांदरा नामक गांव में स्थित है। पूरी दुनिया में यह मंदिर कोटिलिंगेश्वर के नाम से प्रख्यात है। यहां स्थित मंदिर का आकार ही एक शिवलिंग के रूप में है। शिवलिंग के रूप में बने इस मंदिर की ऊंचाई 108 फीट है। मुख्य शिवलिंग के अलावा इस मंदिर में लाखों शिवलिंग स्थापित हैं। आप भी चाहें तो अपने नाम से यहां 1 से 3 फीट लंबे शिवलिंग को यहां स्थापित कर सकते हैं।
मंदिर का इतिहास
बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 1980 में स्वामी सांभ शिव मूर्ति और उनकी पत्नी वी रुक्मिणी ने करवाया था और इन्हीं दोनों ने यहां पर शिवलिंग की स्थापना की थी। उसके बाद 5 शिवलिंग फिर 101 शिवलिंग और फिर 1001 शिवलिंग स्थापित किए गए। स्वामीजी का सपना था कि यहां पर एक करोड़ शिवलिंग की स्थापना करवाना है। मगर वर्ष 2018 में उनकी मृत्यु हो गई। लेकिन उनके जाने के बाद भी यहां शिवलिंग लगातार बनाए ही जा रहे हैं। वर्ष 1994 में यहां पर 108 फीट लंबा शिवलिंग स्थापित किया गया। इतना ही नहीं नंदी की भी विशाल मूर्ति यहां स्थापित की गई।
यहां अन्य 11 मंदिर भी हैं स्थित
इस पूरे मंदिर परिसर में कोटिलिंगेश्वर के अलावा 11 और मंदिर भी हैं। इन मंदिरों में मुख्य रूप से ब्रह्माजी, विष्णुजी, अन्न्पूर्णेश्वरी देवी, वेंकटरमानी स्वामी, पांडुरंगा स्वामी, पंचमुख गणपति, राम-लक्ष्मण-सीता के मंदिर मुख्य रूप से हैं।
क्यों बढ़ रही हैं शिवलिंग की संख्या
कोटिलिंगेश्वर धाम मंदिर में रोजाना शिवलिंगों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। माना जाता है कि इस मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामना जब पूर्ण होती है तब भक्तजन यहां आकर एक शिवलिंग स्थापित करवाते हैं। इसलिए यहां हर रोज शिवलिंगों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। महाशिवरात्रि पर इस मंदिर में भीड़ दोगुनी हो जाती है। श्रद्धालुओं की संख्या 2 लाख तक पहुंच जाती है। दूर-दूर से लोग यहां उनके दर्शन के लिए आते हैं।
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