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हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है। हर माह में दो बार एकादशी पड़ती है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। साल में कुल 24 एकादशी पड़ती है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि- विधान से पूजा- अर्चना की जाती है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। इस समय आषाढ़ माह का कृष्ण पक्ष चल रहा है। आइए जानते हैं, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष एकादशी डेट, शुभ मुहूर्त, पूजा- विधि, महत्व और सामग्री की पूरी लिस्ट....
इस साल देवशयनी एकादशी 10 जुलाई 2022 को पड़ रही है
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी 10 जुलाई को है। इस एकादशी को देवशयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है।
इस दिन से विष्णु भगवान करते हैं विश्राम
देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु चार माह तक विश्राम करते हैं। भगवान विष्णु कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी तक विश्राम करते हैं। इस समय को चातुर्मास के नाम से भी जाना जाता है।
देवशयनी एकादशी मुहूर्त-
एकादशी तिथि प्रारम्भ - जुलाई 09, 2022 को 04:39 पी एम बजे
एकादशी तिथि समाप्त - जुलाई 10, 2022 को 02:13 पी एम बजे
एकादशी व्रत पारण- जुलाई 11, 05:31 ए एम से 08:17 ए एम
पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय - 11:13 ए एम
देवशयनी एकादशी पूजा- विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।
भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।
अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
भगवान की आरती करें।
भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं।
इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें।
इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।
देवशयनी एकादशी महत्व
इस पावन दिन व्रत रखने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है।
इस व्रत को करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी का व्रत रखने से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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