धर्म-अध्यात्म

नवरात्रि के दूसरे दिन द्विपुष्कर व इंद्र समेत बन रहे ये खास संयोग

Subhi
27 Sep 2022 4:49 AM GMT
नवरात्रि के दूसरे दिन द्विपुष्कर व इंद्र समेत बन रहे ये खास संयोग
x
नवरात्रि का पावन पर्व 26 सितंबर, सोमवार से प्रारंभ हो चुका है। आज 27 सितंबर 2022, मंगलवार को नवरात्रि का दूसरा दिन है। नवरात्रि के दूसरे दिन मां आदिशक्ति के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का विधान है।

नवरात्रि का पावन पर्व 26 सितंबर, सोमवार से प्रारंभ हो चुका है। आज 27 सितंबर 2022, मंगलवार को नवरात्रि का दूसरा दिन है। नवरात्रि के दूसरे दिन मां आदिशक्ति के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का विधान है। मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से व्यक्ति को अपने कार्यों में सफलता हासिल होती है। इस साल नवरात्रि के दूसरे दिन द्विपुष्कर, इंद्र व ब्रह्म समेत कई शुभ संयोग बन रहे हैं। आप भी जान लें इन शुभ संयोग का महत्व-

नवरात्रि के दूसरे दिन बन रहे ये शुभ संयोग-

नवरात्रि के दूसरे दिन ब्रह्म योग बन रहा है। ब्रह्म योग सुबह 06 बजकर 44 मिनट तक रहेगा। जबकि इंद्र योग सुबह 05 बजकर 04 मिनट तक ही रहेगा। द्विपुष्कर योग सुबह 06 बजकर 16 मिनट से 28 सितंबर की सुबह 02 बजकर 28 मिनट तक रहेगा।

नवरात्रि का दूसरा दिन आज, जानें शुभ मुहूर्त, मां ब्रह्मचारिणी पूजन विधि, शुभ रंग व भोग

जानें द्विपुष्कर योग का महत्व-

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, द्विपुष्कर योग वाले दिन अगर कोई शुभ काम किया जाए तो उसका दोगुना फल मिलता है। ब्रह्म व इंद्र योग को भी ज्योतिष शास्त्र में बेहद शुभ माना गया है।

मां ब्रह्मचारिणी व्रत कथा-

मां ब्रह्मचारिणी ने राजा हिमालय के घर जन्म लिया था। नारदजी की सलाह पर उन्होंने कठोर तप किया, ताकि वे भगवान शिव को पति स्वरूप में प्राप्त कर सकें। कठोर तप के कारण उनका ब्रह्मचारिणी या तपश्चारिणी नाम पड़ा। भगवान शिव की आराधना के दौरान उन्होंने 1000 वर्ष तक केवल फल-फूल खाए तथा 100 वर्ष तक शाक खाकर जीवित रहीं। कठोर तप से उनका शरीर क्षीण हो गया। उनक तप देखकर सभी देवता, ऋषि-मुनि अत्यंत प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि आपके जैसा तक कोई नहीं कर सकता है। आपकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होगा। भगवान शिव आपको पति स्वरूप में प्राप्त होंगे।


Next Story